सीएम की अपील के बाद नरम पड़े डॉक्टर, बोले- पीड़ा सुनेंगे तो निकलेगा समाधान
राइट टू हेल्थ बिल का विरोध : आरजीएचएस-चिरंजीवी योजना का बहिष्कार जारी
जोधपुर. राइट टू बिल के विरोध में आरजीएचएस-चिरंजीवी योजना का बहिष्कार कर रहे प्राइवेट हॉस्पिटलों के डॉक्टरों के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अपील के बाद तेवर कुछ नरम पड़े हैं। सभी चिकित्सका संगठनों की जॉइंट एक्शन कमेटी के सदस्य डॉ. कांतेश खेतानी ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के ट्वीट पर री-ट्वीट कर आंदोलरत चिकित्सकों की पीड़ा सुनने के लिए सीधा संवाद करने का आग्रह किया है।
जॉइंट एक्शन कमेटी के आह्वान पर समूचे प्रदेश में प्राइवेट हॉस्पिटलों ने आरजीएचएस तथा मुख्यमंत्री चिरंजीवी बीमा योजना के तहत उपचार बंद कर रखा है। इससे इन योजनाओं में निजी अस्पतालों में उपचार करवा रहे मरीजों के सामने दिक्कत पैदा हो गई है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बुधवार को ट्वीट किया- `मेरी सभी निजी अस्पतालों से अपील है कि चिरंजीवी योजना एवं आरजीएचएस का बहिष्कार वापस लें, जिससे जरूरतमंदों की परेशानी खत्म हो सके। मानवीय दृष्टिकोण से भी यह उचित नहीं है।` उनके इस ट्वीट को जॉइंट एक्शन कमेटी के सदस्य डॉ. कांतेश खेतानी ने री-ट्वीट किया- ` आप चिकित्सकों की ज्वाइंट एक्शन कमेटी के प्रतिनिधियों से मिलकर उनकी पीड़ा सुनें। अधिकारी वर्ग चिकित्सको की वास्तविक पीड़ा आप तक नहीं पहुंचा रहे हैं। उम्मीद है आपके व्यक्तिगत दखल से इस समस्या का सुंदर समाधान होगा।`
Source: Jodhpur