जोधपुर।
जोधपुर में शुक्रवार से शुरू हुए ऑल इंडिया मारवाड़ी हॉर्स शो से मारवाड़ी नस्ल के अश्व चर्चा में है। मारवाड़ी नस्ल के घोड़े खूबसूरती व वफादारी के लिए दुनिया में विख्यात है। साथ ही, मारवाड़ी घोड़े गर्म, शुष्क तापमान, मरुस्थलीय जलवायु के कारण मारवाड़ के लिए बहुत उपयोगी व श्रेष्ठ है। मारवाड़ी घोड़ों की सबसे बड़ी खासियत इनकी पतली चमड़ी है, जो मारवाड़ की तेज गर्मी सहन करने व जीवन जीने में मददगार साबित होती है। शो में देशभर से 200 से ज्यादा मारवाड़ी नस्ल के घोड़े भाग ले रहे है।
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लंबे प्रतिबंध के बाद किए गए निर्यात
मारवाड़ी नस्ल के घोड़ों की विदेशों में भी अब मांग बढ़ रही है। लम्बे प्रतिबंध करीब 20-25 बाद गत वर्ष सितम्बर माह में 6 मारवाड़ी घोड़ों को बांग्लादेश में निर्यात किया गया । अब इस नस्ल के घोड़ों की अमरीका, इंग्लैण्ड, मिडिल इस्ट आदि देशों से भी मांग की जा रही है।
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सुन्दर, सुडौल व वफादार खास पहचान
– मारवाड़ी नस्ल के घोड़े सुन्दर, सुड़ौल, मालिक के प्रति वफादार होते है, व इनकी चाल आकर्षक होती है।
– इसका शरीर चमकदार और गर्दन मोर की तरह घुमावदार होती है।
– कान दोनों ऊपर की ओर होते हैं, आपस में मिलते है।- ये मध्यम लंबाई के होते है और स्व विवेकी होेते है।
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सोसायटी कर रही संरक्षण, पासपोर्ट बनाने का काम भी कर रही
पूर्व सांसद गजसिंह के मुख्य संरक्षण में ऑल इंडिया मारवाड़ी हॉर्स सोसाइटी और ‘मारवाड़ी हॉर्स स्टड बुक रजिस्ट्रेशन सोसाइटी आफ इंडिया’ (एमएचएसआरएस) इस नस्ल के संरक्षण व संवर्धन के लिए कार्य कर रही है। सोसायटी की ओर से अब तक करीब 3200 मारवाड़ी नस्ल के अश्वों का रजिस्ट्रेशन किया गया है। इसमें राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, कर्नाटक, हरियाणा व पंजाब सहित अन्य राज्यों के मारवाड़ी अश्वों का रजिस्ट्रेशन किया जा चुका है। अब जिनके पासपोर्ट बनाने की प्रक्रिया की जा रही है।
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देश के मारवाड़ी अश्व के रूप में पशुधन करने का संवर्धन किया जा रहा है। सबकी सहभागिता से ही इनका संरक्षण-संवर्धन किया जा सकेगा।
गजेंद्र पाल सिंह पोसाना, संयुक्त सचिव
ऑल इंडिया मारवाड़ी हॉर्स सोसाइटी
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मारवाडी नस्ल के अश्व सुन्दरता, आकर्षक चाल के लिए प्रसिद्ध है। सोसायटी की ओर से इस नस्ल के संरक्षण का कार्य जारी है।
घनश्यामसिंह पाटौदी, सदस्य
ऑल इंडिया मारवाड़ी हॉर्स सोसाइटी
Source: Jodhpur