न्यायाधीश डाॅ. पुष्पेंद्र सिंह भाटी की एकल पीठ में राजेश कुमार मीणा और अन्य की ओर से कहा गया कि उनके नियोक्ता राजस्थान मरुधरा ग्रामीण बैंक ने एक ही तरह के मामलों में पुलिस में प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करवाई और अनुशासनात्मक अधिकारी ने चार्जशीट भी जारी की है, लेकिन बैंक के सेवा विनियम 43 के तहत भ्रष्ट आचरण में चार्जशीट जारी करने से पूर्व केंद्रीय सतर्कता आयोग से राय और पूर्व अनुमति नहीं ली है। इसीलिए आरोप पत्र क्षेत्राधिकार से बाहर होने से अनुशासनात्मक कार्रवाई को रद्द किया जाए। बैंक की ओर से अधिवक्ता अनिल भंडारी ने कहा कि विनिमय 43 बैंक के स्केल पांच और उसके ऊपर के स्तर के अधिकारियों पर ही लागू होता है और बैंक का ही मुख्य सतर्कता अधिकारी अनुमोदन के लिए सक्षम है। एकल पीठ ने कहा कि याची स्केल पांच का अधिकारी नहीं होकर लिपिकीय वर्ग का होने से बैंक सेवा विनियम 43 के प्रावधान उस पर लागू नहीं होते हैं।
Source: Jodhpur