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सब्जियों के जलने की समस्या से निजात
किसान उम्मेदाराम प्रजापत के खेत में इन दिनों अमरीकन भुट्टे की फ सल लहलहा रही है। कतारबद्ध तरीके से की गई बुवाई से खिली भुट्टे की ये लहलहाती बालियां खेत में सौंदर्य की नई परिभाषा गढ़ रही हैं। उन्होंने बताया कि वह अपने 25 बीघा खेत में मौसम के अनुसार के सब्जियों की बुवाई करते आ रहे हैं। गर्मी के दिनों में सब्जियों के पौधे मुरझाने व जलने की समस्या से परेशान थे। कृषि वैज्ञानिक की सलाह से क्यारियों के चारों ओर सब्जियों की छांव के लिए अमरीकन भुट्टे की बुवाई की। इसके बाद खेत में पैदावार की नई कहानी शुरू हो गई।

35-40 रुपए किलो
अमरीकन भुट्टे की सुरक्षा दीवार से काश्तकार को सब्जियों में 25 से 30 प्रतिशत अतिरिक्त उत्पादन मिलने लगा। वहीं बाजार में भुट्टा भी पैंतीस से चालीस रुपए किलो की दर से बिकने लगा। डंठल से गायों व अन्य पशुओं को पौष्टिक हरा मिलने लगा। अब वह भुट्टे से ही प्रतिवर्ष एक लाख रुपए की कमाई कर रहा है। हरा चारा अतिरिक्त बोनस है।

3,300 रु. किलो बीज
उम्मेदाराम ने बताया कि वह भुट्टे का बीज ऑनलाइन 3300 रुपए प्रति किलो की दर से खरीदता है। एक किलो में करीब तीन हजार बीज आते हैं। एक बीज से एक पौधा तैयार होता है,जो नब्बे दिन बाद दो से तीन भुट्टे देता है। यह वर्ष भर हर मौसम में उगाया जा सकता है। स्थानीय स्तर पर इसकी भरपूर मांग है।

धर्मसिंह भाटी — बाड़मेर

Source: Barmer News

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