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बाड़मेर. जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग की ओर से चलाए जा रहे फील्ड टेस्ट किट ट्रेनिंग में गांवों की शिक्षिकाओं, स्वास्थ्यकर्मी, आशा सहयोगिनी, यशोदा, साथिन आदि महिलाओं को पानी की सेहत के बारे में बताया जा रहा है। बाड़मेर के सीमावर्ती गांवों में विभाग की टीम महिलाओं को यह प्रशिक्षण दे रही है।जिले के विभिन्न ब्लॉक में जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के अधीक्षण अभियंता भरत सिंह के निर्देशों पर एफटीके ट्रेनिंग से अलग-अलग गांव के पानी के सैम्पल की जांच करवाने के साथ गुणवत्ता और स्वास्थ्य पर पडऩे वाले प्रभावों के बारे में जानकारी दी जा रही है। गांवों में घेरे बनाकर महिलाओं को फील्ड टेस्ट किट के जरिए 11 अलग-अलग पायदानों से पानी की जांच कर बताया जा रहा है। सप्ताह भर में विभिन्न गांवों की महिलाओं ने फील्ड टेस्ट किट के जरिए पानी की गुणवत्ता को जांचा गया है।

पानी के घटकों की जांचजिला प्रोजेक्ट मैनेजर टेक्निकल भरत बैरागी और प्रोजेक्ट मैनेजर अरविंद चौहान ने महिलाओं को ट्रेनिंग के दौरान गांव के समस्त पेयजल स्रोतों की जल गुणवत्ता जांच (एफ.टी.के) एवं एच 2 एस वायल के माध्यम से बैक्टीरियल जांच करने की विधि के बारे में बताया गया। ग्रामीण महिलाओं के साथ साथ विभिन्न जगहों से की स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं और अन्य कार्मिकों को फील्ड टेस्ट किट (एफटीके) के माध्यम से पानी की जांच के 11 पैरामीटर की टेस्टिंग विधि बताते हुए जीवाणु जांच, नाइट्रेट, आयरन, क्लोराइड, प्लोराइड, अवशेष क्लोरीन आदि से जल के सैम्पल की जांच की गई।

पानी की गुणवत्ता जांच की प्रक्रिया समझाई

मिश्रित अशुद्ध जल के उपयोग से होने वाली बीमारियों की जानकारी भी विस्तार से दी गई। साथ ही बताया कि जल की जांच से यह पता लगाया जा सकता है कि अशुद्ध पानी हमारे स्वास्थ्य के लिए कितना घातक है। इसलिए महिलाओं को यह जानकारी होना बहुत जरूरी है। प्रशिक्षण में प्रायोगिक तौर पर भी पानी की गुणवत्ता जांचने की पूरी प्रक्रिया सिखाई गई।

Source: Barmer News

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