फलोदी@पत्रिका । Holi 2023: रंगों का पर्व जैसे-जैसे नजदीक आ रहा है, वैसे-वैसे होली का सुरुर भी छाने लगा है। मंदिरों में जहां होली का भक्तिमय पक्ष भजनों के माध्यम से नजर आ रहा है, वहीं महिलाओं की ओर से धुलंडी के दिन सटूकडा मार होली की तैयारियां की जा रही है। महिलाएं सटूकडा मार होली पर अपना खौफ बरकरार रखने की तैयारी कर रही है। ऐसे में महिलाओं के साथ होली खेलने को उत्सुक युवाओं को सटूकडों की मार से बचने का जतन करने की सलाह दी जा रही है।
जानकारों की माने तो फलोदी में पारम्परिक गेर निकलने के बाद कईं मोहल्लों में महिलाएं सटूकडे लेकर निकलती है और रंग उडेलने और डोलची से पानी फैंकने वालों की सटूकडों से जमकर पिटाई करती है। ऐसे में होली के कई हुडदंगी महारथी कुछ ही देर में बेचारे बन जाते है। सटूकडों की मार खाने वालों के कंधे, कमर, पैर व हाथों पर महिलाओं की मार के सटूकडे जम जाते है।
यह भी पढ़ें : बहुत खास है यहां की सतरंगी होली, मुंबई तक से राजस्थान खेलने पहुंचते हैं लोग
होली पर इस अनूठी परम्परा को भी बडे ही चाव व उत्साह से खेला जाता है। जिसकी तैयारी के लिए कईं महिलाओं ने सटूकड़े तैयार करवाने के ऑर्डर दे दिए है । कईं महिलाएं घर पर रखे प्लास्टिक के पाइप से सटूकडा के तौर पर उपयोग करने की योजना को अंतिम रूप देने में जुटी है। शहर के मोहल्लों में साल दर साल सटूकडा मार होली का क्रेज बढ़ता जा रहा है।
सटूकड़ा प्रहार नहीं भूल पाएंगे
होली पर रंग से भरने आने वाले मोहल्ले के देवर सटूकडा के प्रहार आसानी से भूल नहीं पाएंगे। इस बार भी कुछ ऐसी ही तैयारी है। पाइप का सटूकडा तैयार कर लिया है।
विनीता पुरोहित
इस बार भी है खास तैयारी
हम रंगों से होली खेलते है, लेकिन रंग से भरी डोलची से पानी की मार पडती है तो हम महिलाएं सटूकडों से कमर तोड वार करते ही हुडदंग कर रहे डोलचीबाज भाग छूटते है।
सुमन विशम्भर थानवी
होली पर करते है पूरी मस्ती
परम्परागत गेर निकलने के बाद मौहल्ले के सभी युवाओं और बच्चें टीम बनाकर होली खेलते है। जिसमें डीजे पर होली के गीतों के साथ डोलची व सटूकडों से प्रहार होते है।
संगीता गौरव शर्मा
होली खेलने आती हूं फलोदी
मेरा ससुराल जोधपुर है, लेकिन खास तौर पर होली खेलने फलोदी आती हूं और अपने रिश्तेदारों व समाजबंधुओं के साथ सटूकडा होली बरसों से खेलती हूं।
रीना शर्मा
Source: Jodhpur