जोधपुर।
होली पर आमजन जहां रंगों से सरोबार हुए। वहीं, आबकारी महकमा भी मालामाल हो गया। जोधपुर जिले में होली के अवसर पर दस दिन में 17 करोड़ रुपए की शराब की बिक्री (17 Crore liqour sale on HOLI) हुई। इनमें 8 करोड़ रुपए की सिर्फ बीयर शामिल हैं।
दरअसल, होली पर गुलाल-अबीर लगाने के साथ-साथ शराब पिलाने का प्रचलन भी है। इसी के चलते शराब दुकानदारों ने होली को देखते हुए पहले से स्टॉक कर लिया था। होली के कुछ दिन पहले से ही लोगों ने शराब खरीदनी शुरू कर दी थी। यही वजह है कि शराब दुकानदारों ने गत एक से दस मार्च के बीच शराब व बीयर का बम्पर उठाव यानि लिफि्टंग की।
धुलण्डी पर शराब की सर्वाधिक बिक्री
जिले में ही नहीं बल्कि मारवाड़ व राजस्थान में होली खासकर धुलण्डी पर शराब का सर्वाधिक सेवन होता है। मारवाड़ में अनेक जगहों पर फाल्गुन की शुरुआत के साथ ही होली की गतिविधियां शुरू हो जाती हैं। होलिका दहन के साथ ही गेर की शुरूआत होती है और उसमें शराब पीने व पिलाई जाती है। वहीं, धुलण्डी पर शराब की सबसे अधिक बिक्री होती है।
बिक्री की उम्मीद में दुकानदारों ने स्टॉक किया
वित्तीय वर्ष समाप्त होने को है। ऐसे में शराब लाइसेंसधारकों को 31 मार्च से पहले शराब बिक्री का लक्ष्य पूरा करना है। होली होने से दुकानदारों को लक्ष्य पूर्ति में आसानी हुई। यही वजह है कि वित्तीय वर्ष की समाप्ति व होली के चलते दुकानदारों ने पहले से ही शराब व बीयर का स्टॉक कर लिया था।
जिले में शराब की 377 दुकानें, संचालन 372 का
वर्तमान की आबकारी नीति के तहत अंग्रेजी व देसी शराब एक ही दुकान से बिक रही है। लाइसेंसशुदा दुकानों पर देसी व अंग्रेजी शराब के साथ-साथ बीयर की बिक्री भी की जा रही है। जोधपुर जिले में शराब की 377 दुकानें हैं। वर्तमान में इनमें से 372 दुकानें ही चालू हैं। पांच दुकानों का संचालन नहीं हो रहा है।
आंकड़ों की नजर में शराब का उठाव
भारत में निर्मित विदेशी शराब : 6.26 करोड़ रुपए।
देसी शराब : 2.65 करोड़ रुपए।
बीयर : 7.84 करोड़ रुपए।
(नोट : यह आंकड़े आबकारी विभाग से मिले हैं। जो एक से 10 मार्च की अवधि के हैं।)
Source: Jodhpur