नंदकिशोर सारस्वत/जोधपुर. विश्व पर्यटन के क्षेत्र में तेजी से उभर रहे जोधपुर का मेहरानगढ़ पिछले डेढ़ दशक से खुद अपने पयर्टकों के लिए मुश्किल और घुमावदार संकरे रास्ते को सुगम बनाने का इंतजार कर रहा है। विश्व प्रसिद्ध मेहरानगढ़ देखने के लिए हर साल करीब 12 लाख देशी विदेशी पर्यटक जोधपुर आते हैं लेकिन किले तक पहुंचने का वर्तमान मुख्य रास्ता संकरा होने से रोजाना ट्रैफिक जाम होने के कारण न केवल पर्यटकों बल्कि आम शहरवासियों को भी खासी दिक्कतें आती हैं। वर्तमान में ट्रैफिक दबाव को कम करने के लिए वैकल्पिक मार्ग की जरूरत के बावजूद प्रशासन व राज्य सरकार की ओर से कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
पांच साल से वैकल्पिक मार्ग की फाइलें अटकी
मंडोर बालसमंद से घोड़ा घाटी मार्ग पर मेहरानगढ़ सम्पर्क सडक़ निर्माण शुरू किया गया लेकिन रावटी तक मार्ग निर्माण के बाद आगे वनविभाग की भूमि के कारण मामला पिछले पांच साल से फाइलों में अटका हुआ है। बालसमंद रोड से किला रोड तक सडक़ बनाने के लिए जेडीए की ओर से उपयोग में ली जाने वाली 4.39 हेक्टेयर वन भूमि के समतुल्य गेर वनभूमि वनविभाग को सौंपने के लिए जिला प्रशासन की ओर से फलोदी में भूमि चिह्नित कर ली गई थी लेकिन अधिकारियों की रुचि नहीं होने के कारण मामला ठंडे बस्ते में पड़ा है।
मेहरानगढ़ में आने वाले पर्यटक
वर्ष——विदेशी——देशी
2015-134025—937028
2016-135432—1014785
2017-143818—936787
2018-154417—987706
2019-166219—1116687
जिला प्रशासन से राज्य सरकार तक को दी लिखित में शिकायत
मेहरानगढ़ की देखरेख करने वाले म्यूजियम ट्रस्ट की ओर से कई बार जिला प्रशासन और मुख्य सचिव राजस्थान, सचिव कला एवं संस्कृति राजस्थान, निदेशक पुरातत्व एवं संग्रहालय विभाग, सचिव पर्यटन विभाग राजस्थान, जोधपुर सांसद, जेडीए, संभागीय आयुक्त, विधायक, नगर निगम आयुक्त, जिला कलक्टर, महापौर आदि को किला रोड पर ट्रैफिक बाधित होने की समस्याओं के निराकरण के लिए वैकल्पिक मार्ग को लेकर बार-बार लिखित में कहा गया। लेकिन किसी ने कोई रूचि नहीं ली है।
नहीं दिया ध्यान तो पड़ेगा विपरीत असर
विश्व पर्यटन के क्षेत्र में तेजी से उभर रहे जोधपुर के प्रमुख पर्यटन स्थल का मुख्य मार्ग ही संकरा होगा तो पर्यटक संख्या पर इसका विपरीत असर पडऩा निश्चित है। ट्रैफिक के लगातार बढ़ते दबाव को कम करने के लिए मंडोर बालसमंद घोड़ाघाटी से होकर किले तक वैकल्पिक मार्ग बनने से न केवल जोधपुर के आमजन बल्कि हर साल जोधपुर आने वाले करीब 12 लाख देशी विदेशी पर्यटकों के लिए राह आसान हो जाएगी। इसके लिए पिछले लंबे समय से जिला प्रशासन और राज्य सरकार को लिखित में कहा गया लेकिन प्रशासनिक औपचारिकताओं की वजह मामला लंबित है।
– करणीसिंह जसोल, निदेशक, मेहरानगढ़ म्यूजियम ट्रस्ट
Source: Jodhpur