वीडियो : गौतम उडेलिया/जोधपुर. राजस्थान राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष संगीता बेनीवाल ने गुरुवार शाम राजकीय बालिका गृह का औचक निरीक्षण किया तो वहां हालात देखकर दंग रह गई। निरीक्षण के दौरान आंखों से इशारा कर बालिकाओं ने उनसे अकेले में मिलने का आग्रह किया। इस पर अधीक्षक व केयर टेकर को बाहर भेजा तो बालिकाओं ने खुलकर पीड़ा बताई थी। बालिकाओं की पीड़ा सुनने के बाद अधीक्षक व केयर टेकर को बदल दिया गया है। इसको लेकर जानकारी लेने शुक्रवार सुबह वापस अध्यक्ष बेनीवाल बालिका गृह पहुंची तो बालिकाओं ने लिपट कर उन्हें थैंक्यू कहा। वहीं पूर्व अधीक्षक के स्थान पर नारी निकेतन की अधीक्षक रेखा शेखावत को जिम्मेदारी सौंपी गई है।
उल्लेखनीय है कि कल किए गए निरीक्षण में कक्ष में मौजूद 15 से 17 वर्ष की करीब दस से बारह बालिकाओं ने बताया था कि उन्हें रोजाना अपशब्द कहे जाते हैं और मानसिक व शारीरिक रूप से परेशान किया जाता है। समय पर भोजन और सेनेटरी नेपकिन तक नहीं दिया जाता। एक बालिका बोली कि यहां शोषण से इस कदर परेशान हूं कि फंदा डाल कर मर जाऊं। बालिकाओं ने कहा कि उनके पूरे कपड़े खुलवाकर पिंच किया जाता है।
आयुक्त को बताया मामला
आयोग अध्यक्ष ने बाल अधिकारिता विभाग की आयुक्त डॉ. वीना प्रधान से बातचीत कर पूरा मामला बताया। आयुक्त ने बालिका गृह में अनियमितताओं, किशोर न्याय अधिनियम के तहत बालिकाओं को मिलने वाली सुविधाओं से महरूम रखने, कर्तव्यों के प्रति लापरवाही, बेवजह परेशान करने पर बालिका गृह अधीक्षक असमां पीरजादा को निलंबित कर दिया। निलम्बन काल में पीरजादा का मुख्यालय निदेशालय बाल अधिकारिता विभाग जयपुर रहेगा। केयर टेकर को भी हटा दिया गया है।
सरकार की जिम्मेदारी को पूरा करूंगी
विभाग की ओर से मुझपर यह विश्वास जताया जाना एक बड़ी जिम्मेदारी है। मैं फिलहाल नारी निकेतन की जिम्मेदारी भी निभा रही हूं। जहां करीब 30 लड़कियां मानसिक रूप से विक्षिप्त हैं। विभाग और सरकार के इस भरोसे पर खरा उतरने की पूरी कोशिश करूंगी। बालिकाओं ने यदि किसी प्रकार की समस्याएं आ रही हैं तो इसकी वजह जाननी जरूरी होगी। इस प्रकार के संस्थानों में पुरुषों का और मोबाइल फोन का निषेध रखा जाता है।
– रेखा शेखावत, प्रभारी, नारी निकेतन
Source: Jodhpur