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तीसरे दिन भी बंद रहे ज्यादातर प्राइवेट हॉस्पिटल
राइट टू हेल्थ बिल का विरोध में निकाला शांति मार्च

जोधपुर. राइट टू हेल्थ बिल के विरोध में शहर में तीसरे दिन भी ज्यादातर प्राइवेट हॉस्पिटल बंद रहे। प्राइवेट हॉस्पिटल दिखाने आए कई मरीजों को डॉक्टरों के घर पर दिखाया। गंभीर स्थिति में कई मरीजों को सरकारी अस्पताल में भर्ती करवाना पड़ा।राइट टू हेल्थ बिल के विरोध में प्राइवेट हॉस्पिटल संचालक, डॉक्टर, रेजिडेंट डॉक्टर तथा मेडिकल स्टूडेंट ने शांति मार्च निकाला। शांति मार्च में आइएमए, उपचार, एम्पोज, सोमेर, रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन के प्रतिनिधि और मेडिकल स्टूडेंट शामिल हुए। शांति मार्च मंगलवार सुबह नौ बजे मेडिकल कॉलेज से जलजोग चौराहे होते हुए एमडीएम सर्कल से शास्त्री सर्कल होकर मेडिकल कॉलेज पहुंचा।डॉ. कांतेश खेतानी, डॉ. संजय मकवाना, डॉ. नगेंद्र शर्मा तथा डॉ. गुलाम अली कामदार सहित शहर के कई प्रमुख डॉक्टरों ने जयपुर में शांतिपूर्ण आंदोलन कर रहे चिकित्सकों पर लाठीचार्ज की निंदा की।

समर्थन में आए कई संगठन

राइट टू हेल्थ बिल के विरोध में चल रहे आंदोलन को रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन जोधपुर ने समर्थन दिया।राजस्थान मेडिकल कॉलेज टीचर्स एसोसिएशन ने भी अपना समर्थन पत्र भेजा। राजस्थान मेडिकल कॉलेज टीचर्स एसोसिएशन और रेजिडेंट डॉक्टर्स के समर्थन में आने से निजी चिकित्सक संघ की मांग को बल मिला है

डॉक्टरों में मतभेद उभरे

विधानसभा में राइट टू हेल्थ बिल पेश कर दिए जाने के बाद विरोध में आंदोलन कर रहे कुछ चिकित्सक संगठन इस न्यायालय का दरवाजा खटखटाने की तैयारी में हैं। कुछ संगठन इस मुददे पर आरजीएचएस और मुख्यमंत्री चिरंजीवी योजना का बहिष्कार जारी रखने के पक्ष में हैं।

Source: Jodhpur

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