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प्राइवेट हॉस्पिटल बंद, सरकारी में लंबी कतार, मरीज कहां दिखाएं
राइट टू हेल्थ बिल का विरोध
जोधपुर. राइट टू हेल्थ बिल को लेकर मुख्य सचिव और चिकित्सकों के प्रतिनिधिमंडल के बीच वार्ता विफल हो जाने के बाद राहत का इंतजार लंबा होता जा रहा है। बिल के विरोध में शहर के प्राइवेट हॉस्पिटल बंद हैं। डॉ. एसएन. मेडिकल कॉलेज से संबंद्ध अस्पताल मथुरादास माथुर, महात्मा गांधी तथा उम्मेद जनाना अस्पताल में लगे 542 रेजिडेंट डॉक्टर भी प्राइवेट हॉस्पिटलों के डॉक्टरों के समर्थन में हड़ताल पर हैं। सरकारी अस्तालों में भी व्यवस्था चरमरा गई है। दिखाने के लिए मरीजों की लंबी कतार है, लेकिन देखने वाला कोई नहीं। जितने मरीजों को सरकारी अस्पतालों में देखा जा रहा है, उससे कई गुना निराश लौट रहे हैं।

उपचार के स्टेट सहसंयोजक डॉ. कांतेश खेतानी ने बताया कि रविवार को भी शहर के ज्यादातर प्राइवेट हॉस्पिटल राइट टू हेल्थ बिल के विरोध में बंद रहे। बिल के विरोध में आंदोलन को कई सामाजिक एवं मेडिकल संगठनों का समर्थन मिलने से आंदोलनरत डॉक्टरों के मनोबल को मजबूती मिली है। उन्होंने कहा कि सरकार आंदोलन को विराम देने के बजाय उकसा रही है। प्राइवेट हॉस्पिटलों के कई डॉक्टर सोमवार को आंदोलन को मजबूती देने के लिए जयपुर कूच करेंगे।

Source: Jodhpur

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