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जोधपुर. आमतौर पर 60 साल की उम्र तक आते-आते व्यक्ति को कोई न कोई बीमारी घेर लेती है या फिर वह खुद को एक निश्चित दायरे में समेट लेता है। इससे बुढ़ापा उम्र पर झलकने लगता है। ऐसा करने वाले बुजुर्गों को जोधपुर के ओमप्रकाश सिंघवी और नीता सिंघवी के जीवन से नसीहत लेनी चाहिए। सिंघवी दम्पती ने घर बैठने की बजाय घूमने-फिरने को अपना शौक बनाया। वे अब तक 27 देशों की यात्रा कर चुके हैं। हाल ही में वे 9 हजार किलोमीटर की यात्रा कर लौटे हैं।

संस्कृति और प्रकृति के करीब

अकाउंटेंट व कर सलाहकार ओम प्रकाश सिंघवी (64) और उनकी पत्नी नीता सिंघवी (59) ने कार से 20 दिन में 9 हजार किलोमीटर का सफर तय किया। कार भी सिंघवी खुद ही चलाते हैं। गुजरात से 9 फरवरी को यात्रा की शुरुआत की। नॉर्थ ईस्ट में यात्रा को विराम दिया। सिंघवी दम्पती ने 20 दिन में 9 हजार किलोमीटर की यात्रा की। पिछले साल भी उन्होंने कश्मीर से कन्याकुमारी तक 10 हजार किलोमीटर तक का सफर तय किया था।

खुलकर जी रहे जिंदगी

ओमप्रकाश सिंघवी बताते हैं वे जीवन को खुल कर जीने में विश्वास करते हैं। इसके लिए उन्होंने तय किया क्यों न पूरी दुनिया की सैर की जाए। वे पत्नी के साथ अब तक कई देशों की यात्रा कर चुके हैं। देश में भी लंबा भ्रमण किया। वे हर साल घूमने का कार्यक्रम बनाते हैं। वे देश के जिन प्रदेशों से गुजरे हैं और वहां की संस्कृति, भाषा और परिवेश को निकट जाना। उनका कहना है कि व्यक्ति को सेवानिवृत्ति के बाद भी व्यस्त रखना चाहिए। वे अपने शौक भी पूरे करते रहें, जिससे जिंदगी खूबसूरत बनीं रहे।

ऐसे हुई शुरुआत

सिंघवी दम्पती के पुत्र रौनक सिंघवी ने बताया कि उनके माता-पिता को घूमने का शौक है। वे शुरू में अपने काम में ज्यादा व्यस्त रहे। अब फुरसत में घूमने का शौक पूरा कर रहे हैं। इससे उनके माता-पिता को बहुत खुशी मिलती है।

Source: Jodhpur

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