जोधपुर. प्रदेश सरकार की ओर से प्रिंसिपल और वाइस प्रिंसिपल पदों पर की गई पदोन्नति से मौजूदा प्रिंसिपल के साथ बच्चे असमंजस की स्थिति में आ गए हैं। ऐसे में एक ओर बच्चों को पढ़ाने वाले शिक्षकों की तुलना में प्रिंसिपल और वाइस प्रिंसिपल स्कूल में बढ़ गए हैं। जिससे बच्चों को अपनी शिक्षा को लेकर भी चिंता सता रही है। वहीं दूसरी ओर स्कूल में पहले से लगे प्रिंसिपल भी असमंजस की स्थिति में हैं। ऐसे में इस पदोन्नति से विद्यालयों में जहां पढ़ाने वाले शिक्षकों का टोटा हो गया है वहीं एक-एक विद्यालय में दो-दो प्रिंसिपल और वाइस प्रिंसिपल की भरमार हो गई है।
पदोन्नत कर बनाया प्रिंसिपल और वाइस प्रिंसिपल
शिक्षा विभाग ने माध्यमिक शिक्षा में कार्यरत 3314 प्रधानाध्यापक को 27 फरवरी 2023 को उपप्रधानाचार्य पद पर पदोन्नत कर पूर्व में कार्यरत स्थान पर ही कार्यग्रहण के आदेश जारी कर दिए थे। वहीं हाल ही में उन्हें उपप्रधानाचार्य से प्रधानाचार्य बनाकर अस्थाई रूप से उसी विद्यालय में कार्यग्रहण के आदेश दिए हैं। ऐसे में पदोन्नति के बावजूद पदस्थापन को लेकर पदोन्नत अधिकारी असमंजस की स्थिति में है। क्योंकि पदस्थापन वाले विद्यालय में प्रधानाचार्य के पद पर पहले से ही प्रधानाचार्य कार्यरत हैं। ऐसे में अब एक ही विद्यालय में 2 प्रधानाचार्य हो रहे है। वहीं 10096 व्याख्याताओं को पदोन्नति देकर उपप्रधानाचार्य बनाया गया था। उन्हें भी उसी स्कूल में पदस्थापित करने से एक ही विद्यालय में दो से अधिक उपप्रधानाचार्य हो गए है। इससे स्कूल में पढ़ने वाले बच्चे व अधिकारी असमंजस की स्थिति में है। ऐसे में अब बच्चों को पढ़ाने वाले शिक्षक कम ओर अधिकारी अधिक हो गए है।
इन्हें अस्थाई लगाया गया है
बोर्ड परीक्षा के चलते प्रधानाचार्य पदों पर पदोन्नत होने वाले उपप्रधानाचार्य को अस्थाई उसी स्कूल में लगाया गया है। अभी इनकी काउंसलिंग होनी है। ऐसे में प्रधानाचार्य पद की जिम्मेदारी पहले से लगे प्रधानाचार्य के पास ही रहेगी।
प्रेमचंद सांखला, संयुक्त निदेशक, (स्कूल शिक्षा) जोधपुर संभाग
स्थाई पदस्थापन किया जाए
पदोन्नत हुए उपप्रधानाचार्य तथा प्रधानाचार्यों को शीघ्र ही काउंसलिंग के माध्यम से स्थाई पदस्थापन की सरकार से मांग की जाएगी।
सुभाष विश्नोई, सदस्य, प्रदेश मीडिया, राजस्थान शिक्षक संघ (राष्ट्रीय)
रिक्त पदों पर लगाए
हाल ही में पदोन्नत हुए प्रधानाचार्यों को रिक्त पदों पर काउंसलिंग से पदस्थापित किया जाना चाहिए। जिससे रिक्त पदों को भरने के साथ छात्र-छात्राओं को अधिकतम लाभ मिल सके।
इंद्रविक्रम सिंह चौहान, जिलाध्यक्ष, राजस्थान शिक्षक संघ (राधाकृष्णन)
Source: Jodhpur