लंपी से हजारों गायों की मौत, संबल नाममात्र
बालोतरा। लंपी से जिले से हजारों गायें काल का ग्रास बनी। लेकिन सरकार की ओर से दी जाने वाली अनुदान राशि से जिले के बहुत कम गोपालक लाभान्वित होगें। गायों के मरने से जहां पशुपालकों को हजारों रुपए का नुकसान हुआ, वहीं रोजगार का जरिया छीनने से उनकी कमर टूट गई। इस पर प्रदेश सरकार ने दुधारु मृत गायों के पालकों को संबल देने के लिए अनुदान की घोषणा की। इसके अनुसार सरकार के प्रमाणित मृत गायों के पालकों का ही अनुदान देने पर शेष पाशुपालक स्वयं का ठगा सा महसूस कर रहे है। एक सप्ताह पहले पशुपालन विभाग ने मृत दुधारू गायों की सूची प्रदेश सरकार को भिजवाई है।
हजारों गायों ने तोड़ा था लंपी में दम
सरकार ने पशु चिकित्साल में उपचार लेने के बाद मरी गुधारु गायों के पालको को अनुदान देने का निर्णय लिया है। इसके अनुसार जिले में 2 हजार 847 गायें चिकित्सालय में उपचार के बाद मरी थी। पूरे जिले में इनकी संख्या कई हजार है। जिले व बालोतरा क्षेत्र में प्रथम श्रेणी पशु चिकित्सालय, पशु चिकित्सालय, पशु केन्द्रें में पशु चिकित्सकों, पशु सहायक के पद अधिक संख्या में रिक्त है। सामान्य दिनों में भी पशुपालकों को गांव से बीमार पशु को उपचार के लिए चिकित्सालय लाने में ही कई हजार रुपए खर्च होते है। ऐसे में गायों में फैली लंपी बीमारी से प्रदेश सहित जिले में हजारों गायों ने दम तोड़ा।
पहले विभाग हुआ लाचार, अब पशुपालक
संक्रमित रोग का कोई प्रामाणितक इलाज नहीं होने पर पशुपालकन विभाग लाचार नजर आया। ऐसे में अधिकतर पशुपालकों ने अपने अनुभव के आधार पर घर में ही बीमार गायों का उपचार किया। इसके बाद पशु चिकित्सालय में सूचना दिए बिना उन्हें गांव के बाहर खुले मैदान में जमीन में दफना दिया ताकि अन्य पशु संक्रमण की चपेट में ना आए। अनुदान की घोषणा के बाद हजारों गोपालक वंचित रहेंगे।
बजट जारी होने पर पशुपालकों के खातों में जमा होगी राशि
जिले के पश्ुा चिकित्सालयों में उपचार लेने के बाद लंपी रोग से मरी 2 हजार 847 दुधारू गायों की सूची विभाग को भिजवाई है। बजट जारी होने पर अनुदान राशि सीधे पशुपालकों के खातों में जमा होगी।
डॉ.विनय मोहन खत्री
जेडी पशुपालन विभाग, बाड़मेर
Source: Barmer News