जोधपुर। संजीवनी क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसायटी प्रकरण में एसओजी ने पहली बार केन्द्रीय मंत्री गजेन्द्रसिंह शेखावत को आरोपी मानते हुए प्रार्थना पत्र के साथ हाईकोर्ट में तथ्यात्मक रिपोर्ट दाखिल की है। रिपोर्ट में केंद्रीय मंत्री शेखावत का नाम बतौर आरोपी शामिल किया गया है।
रिपोर्ट में बताया कि शेखावत एक कंपनी नवप्रभा बिल्डटेक प्राइवेट लिमिटेड में 3 नवंबर, 2005 से 10 मार्च, 2014 तक डायरेक्टर पद पर रहे। कंपनी के शेयर की वास्तविक मूल्यांकन दर 31 मार्च, 2012 को लगभग 50 रुपए प्रति शेयर थी। शेखावत, इन्दु डाकलिया, डूंगर सिंह, नारायण सिंह, महेन्द्र चन्द जैन, मीना जैन, नीरू जैन, सोनू बाहेती, अशोक राठौड़, उषा कंवर, खेम कंवर, विनोद कंवर एवं राजेन्द्र बाहेती ने इन शेयरों को 500 रुपए प्रति शेयर की दर से क्रय विक्रय किया, जो कि वास्तविक मूल्यांकन दर का लगभग दस गुणा है।रिपोर्ट में आरोप है कि शेखावत सहित अन्य आरोपियों ने नवप्रभा के शेयर वास्तविक दर से अधिक दर पर क्रय विक्रय कर संजीवनी के निवेशकों के निवेश धन का दुर्विनियोग किया है। एसओजी का दावा है कि शेयरों का क्रय-विक्रय संजीवनी सोसायटी के कर्मचारियों, सीएमडी विक्रम सिंह राठौड़ एवं अन्य से किया गया था। संजीवनी के कर्ताधर्ताओं ने खरीदे गए शेयरों का भुगतान संजीवनी सोसायटी से प्राप्त कर किया था एवं इस धन को सोसायटी में वापस जमा नहीं करवाया। रिपोर्ट में बेचे गए शेयरों का हवाला दिया गया है। एक अन्य संबंध का उल्लेख करते हुए कहा गया है कि नवप्रभा ने वर्ष 2015 में भवन निर्माण के लिए आरएफसी से 20 करोड़ रुपए का ऋण लिया था। इस ऋण के गारन्टर विक्रम सिंह, विनोद कंवर, उषा कंवर के साथ शेखावत भी थे, जबकि उस समय वे न तो कंपनी के निदेशक थे और न ही शेयर धारक।
ऋण पत्रावली में प्रस्तुत शपथ पत्र में गारन्टी के तौर पर उम्मेद हेरिटेज के एक भूखंड का हवाला दिया गया है, जिसमें आरोप है कि शेखावत और विक्रम सिंह राठौड का संयुक्त मालिकाना हक दिखाया गया था। एसओजी ने एक अन्य कंपनी ल्यूसिट फार्मा प्राइवेट लिमिटेड से जोड़ते हुए भी शेखावत के शेयरों के लेन-देन का उल्लेख किया है और कहा कि कंपनी ने 2012 में इथोपिया स्थित मैसर्स गैलब एग्रो पीएलसी को खरीदा, जो इथोपिया में लीज पर जमीन लेकर खेती करती थी। वर्तमान में ल्यूसिट गैलब की सहायक कंपनी है।
Source: Jodhpur