Monsoon Forecast 2023: राजस्थान के बाड़मेर जिला अनाज व्यापार संघ ने वर्षो से चली आ रही शगुन देखने की परम्परा को आज भी कायम है। आखातीज पर देख जाने वाले शगुन से व्यापार संघ तय करता है कि इस बार व्यापार कैसा होगा। बारिश होगी तो किस महीने में होगी। अनाज के भाव क्या होंगे? यह सब व्यापारी शगुन देख कर तय करते है।
ऐसे देखते हैं शगुन:
अनाज व्यापार संघ के अध्यक्ष हंसराज कोटडिय़ा ने बताया कि परम्परा अनुसार मिट्टी के कुल्लड बनाए जाते है। जिसमें पानी भरा जाता है। साथ ही पेपर की पर्ची बना कर बारिश के महीनों के नाम लिखे जाते हैं। जिस पर्ची का कुल्लड पहले टूट जाता है उस महीने में बारिश अच्छी होती है यदि किसी कुल्लड सूख जाता है और टूटता नहीं है तो उस महीने में बारिश नहीं होगी। इसी प्रकार अनाज के भाव देखने के लिए अलग-अलग अनाज की ढूली बनाई जाती है और उन पर गुड की टूकडी रखी जाती है। जिस अनाज पर मख्खी पहले आकर बैठती है उसके भाव तय होते है।
इस बार यह रहे शगुन:
इस बार दो श्रावण है जिसमें प्रथम श्रावण अच्छी बारिश होगी। बाकि महीनों की कम संभावना है। भावों की गणित के अनुसार बाजरा 2700, मूँग 6000, मोठ 5000, तिल 12000, गवार 8000, मतीरा 8000 प्रति क्विंटल के भावों के सुगन आए है। वरिष्ठ व्यवसायी चिन्तामणदास कोटडिया, वीरचंद वडेरा, भगवानदास चाण्डक, मदन बोथरा, बाबूलाल संखलेचा, प्रकाश संखलेचा, हंसराज संखलेचा, कैलाश भूतड़ा, दिनेश भूतड़ा, मदन नाहटा, सम्पत बारदाना, गौतम बोथरा, विक्रम, मेवाराम संखलेचा सहित सैकड़ों व्यापारी उपस्थित थे । शुगन देखने के बाद खरबूजे, मेवों की एवं ठंडाई की मनुहार की गई। सभी व्यापारियों का नारायदास मुथा ने आभार प्रकट किया गया।
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Source: Barmer News