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जोधपुर।
मादक पदार्थ तस्करी की रोकथाम वाले एनडीपीएस एक्ट को और अधिक प्रभावी व पारदर्शी बनाने के लिए अब पुलिस या एनसीबी जब्त मादक पदार्थ का नमूना नहीं ले सकेगी। जांच एजेंसी के आग्रह पर न्यायिक अधिकारी संबंधित पुलिस स्टेशन पहुंचकर जब्त मादक पदार्थ में से सैम्पल लेंगे और फिर उसे सील कर एफएसएल भेजा जाएगा। एनडीपीएस एक्ट में संशोधन के बाद जोधपुर जिले में यह लागू कर दिया गया है।
24 घंटे में सैम्पलिंग, 72 घंटे में एफएसल भेजना
संशोधित अधिनियम के तहत जांच एजेंसी मादक पदार्थ जब्त करने के बाद सील चेपा करके थाने के मालखाने में जमा कर लेती है। आरोपी को कोर्ट में पेश करने पर 24 घंटे में जब्त ड्रग्स की सैम्पलिंग के लिए कोर्ट में आवेदन करेगी। तब न्यायिक अधिकारी संबंधित पुलिस स्टेशन पहुंचकर सील मादक पदार्थ खोलेंगे और उसमें से नमूने लेकर दुबारा सील करेंगे। नमूने को सील कर 72 घंटे में एफएसएल जांच के लिए भेजा जाएगा।
अब तक यह होता था…
मादक पदार्थ होने के संदेह में किसी व्यक्ति को पकड़े जाने पर न्यायिक अधिकारी या राजपत्रित अधिकारी के समक्ष उसकी तलाशी लेने का प्रावधान था, लेकिन पुलिस उस व्यक्ति से लिखित सहमति लेकर खुद ही तलाशी लेकर मादक पदार्थ जब्त करती है। जब्त मादक पदार्थ में से एफएसएल जांच के लिए पुलिस खुद मौके पर ही नमूने लेती थी। जिसे सील करके एफएसएल भेजे जाते थे।
संशोधन से होने वाला फायदा
– कई मामलों में आरोपी पुलिस पर आरोप लगाते हैं कि उनके पास मादक पदार्थ नहीं था। अथवा उनके पास कम मात्रा में ड्रग्स थी और पुलिस ने दस्तावेजों में गड़बड़ी कर मात्रा अधिक दिखाई है। संशोधन के बाद न्यायिक अधिकारी के सामने सील ड्रग्स को खोला जाएगा और सैम्पल लेने के बाद दुबारा सील करना होगा।
– एनडीपीएस एक्ट की धारा 52ए के तहत जब्त मादक पदार्थ का निस्तारण करने के लिए इन्वेंटरी कराई जाती थी। जिसके लिए ट्रायल के दौरान न्यायिक अधिकारी को संबंधित पुलिस स्टेशन आकर जब्त ड्रग्स की जांच करनी होती थी। फिर निस्तारण के लिए कमेटी के पास भेजा जाता था। अब न्यायिक अधिकारी के समक्ष सैम्पलिंग कर नमूने एफएसएल भेजने के बाद जब्त माल का निस्तारण किया जा सकेगा।
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एक्सपर्ट कमेंट…
एक्ट में संशोधन हुआ है…
‘सुप्रीम कोर्ट ने हीरासिंह मामले में फैसले में एनडीपीएस एक्ट में जब्त मादक पदार्थ की सैम्पलिंग न्यायिक अधिकारी के समक्ष करने का आदेश दिया था। जिसे राज्य में अब लागू किया गया है। आरोपी को कोर्ट में पेश करने के साथ ही जांच अधिकारी न्यायिक अधिकारी के समक्ष सैम्पल लेने का आवेदन प्रस्तुत करता है। फिर 24 घंटे में न्यायिक अधिकारी को संबंधित पुलिस स्टेशन जाकर मादक पदार्थ की सैम्पलिंग करनी होती है।’
जगदीश कड़वासरा, विशिष्ठ लोक अभियोजक, एनडीपीएस एक्ट मामलात।

Source: Jodhpur

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