विकास चौधरी
जोधपुर.
तस्करों से खौफ व कानूनी पेचिदगियों के चलते पुलिस को स्वतंत्र गवाह नहीं मिल रहे हैं। यही वजह है कि पुलिस खुद ही स्वतंत्र गवाह बन रही है। एनडीपीएस एक्ट के तहत पुलिस या थानाधिकारी सीज की कार्रवाई कर रहे हैं। थाने के अधिकारी व जवान ही गवाह बनते हैं। हालांकि जांच किसी अन्य थानाधिकारी या उपाधीक्षक से करवाई जाती है।
स्वतंत्र गवाह के समक्ष तलाशी
एनडीपीएस एक्ट के प्रावधान के तहत मादक पदार्थ मिलने की सूचना पर यदि किसी व्यक्ति या वाहन को पकड़ा जाता है तो स्वतंत्र गवाह के समक्ष तलाशी ली जानी होती है, लेकिन पिछले काफी समय से पालना नहीं हाे रही है।
केस : 1
24 अप्रेल 2023 : झंवर थाना पुलिस व डीएसटी ने बाड़मेर रोड पर धवा गांव के पास लावारिस मिले ट्रक से प्लास्टिक के 218 कट्टों से 4205.8 किलो डोडा पोस्त जब्त किया था। तलाशी लेने से पहले शाम 7.50 बजे कांस्टेबल दलाराम को स्वतंत्र गवाह लाने के लिए आस-पास की ढाणियों व धवा कस्बे में रवाना किया गया था, लेकिन कोई भी स्वतंत्र गवाह नहीं मिला था। ऐसे में एएसआइ ओपाराम व हेड कांस्टेबल जब्बरसिंह को स्वतंत्र गवाह बनाया गया था।
केस : 2
25 अप्रेल 2023 : राजीव गांधी नगर थाना पुलिस व डीएसटी ने संयुक्त कार्रवाई कर तिलवाडि़या फांटा पर ट्रक से प्लास्टिक के 201 कट्टों में भरा 2260.5 किलो डोडा पोस्त जब्त किया था। चालक किशनाराम जाट व खलासी दमाराम को गिरफ्तार किया गया था। पुलिस ने रात रात 1.30 बजे कांस्टेबल पोकरराम को स्वतंत्र गवाह लाने के लिए तिलवाडि़या फांटा भेजा था, लेकिन कानूनी पेचिदगी व तस्करों के भय व रात का समय होने से कोई भी गवाह नहीं मिला था। हेड कांस्टेबल प्रहलाद कुमार व कांस्टेबल मानवेन्द्रसिंह को गवाह बनाया गया था।
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एक्सपर्ट ऑपिनियन :
स्वतंत्र गवाह बनाना मुश्किल होता है…
स्वतंत्र गवाह बनाना काफी मुश्किल होता है। आमजन में कई तरह की शंकाएं होती हैं। आइपीसी से जुड़े अपराधों में गवाही के लिए तैयार हो जाते हैं, लेकिन एनडीपीएस व निरोधात्मक मामलों में स्वतंत्र गवाहों की समस्या रहती है। हाल ही में डोडा पोस्त से भरा एक ट्रक आधी रात को पकड़ा गया था। रात्रि में स्वतंत्र गवाह तलाशना और भी मुश्किल होता है।
– गौरव यादव, पुलिस उपायुक्त पश्चिम जोधपुर
Source: Jodhpur