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बाड़मेर/पत्रिका। Rajasthan Politics: पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने पश्चिमी राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के गढ़ माने जाने वाले बाड़मेर में शनिवार को सभा में कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ बोला हूं और बोलूंगा। चाहे किसी को बुरा लगे या अच्छा मुझे फर्क नहीं पड़ता। मैैं इस बात का समर्थन करता हूं कि जब तक अधिकारी, राजनीति और फैसले लेने वाली कुर्सियों पर गांव-ढाणी के हमारे बेटे-बेटियां नहीं बैठेंगे। न्याय नहीं मिलेगा। हमारी बेटियां जंतर-मंतर पर धरने पर बैठी है, क्या यह सही है? पेपरलीक हो रहे, कैंसिल हो रहे हैं। समय पर न्याय नहीं मिलता है, ऐसा क्यों? कारण स्पष्ट है, उन कुर्सियों पर वो लोग है ही नहीं जिनका दिल दुखे।

पंद्रह-बीस हजार की कमाई करने वालों का दर्द समझे। मेरा सवाल है कि रेगिस्तान के बाड़मेर में तेल, खनिज के भण्डार और कोयला मिला तो दुबई क्यों नहीं बना? बाकि देशों में यह तरक्की हुई तो हमारे यहां हों। स्थानीय लोगों को रोजगार मिले। पायलट शनिवार को वनमंत्री हेमाराम चौधरी के पुत्र विरेन्द्र चौधरी की याद में बने हॉस्टल के लोकार्पण समारोह में आए थे। यहां आदर्श स्टेडियम में बड़ी सभा में बोलते हुए उन्होंने हेमाराम चौधरी के सादगीपूर्ण राजनीतिक जीवनन की तारीफ की और शुक्रगुुजार हुए कि उन्होंने संकट की हर परिस्थिति में उनका साथ दिया।

हिस्सेदारी नहीं, अब नेतृत्व चाहिए-हरीश
बायतु विधायक हरीश चौधरी ने कहा कि खातेदारी के अधिकार के दिनों में किसानों ने जो संघर्ष का दौर देखा है,वही अब सह रहे है। जागृत हो जाओ। संगठित रहो और शिक्षित बनो। अब हमें सत्ता में हिस्सेदारी नहीं नेतृत्व चाहिए। 21 प्रतिशत ओबीसी आरक्षण 27 फीसदी की मांग कर रहे हैं। यह भीख नहीं हमारा हक है। किसानों के बेटे बेटियों को आगे पढ़ने और आगे बढ़ने से रोकने की कोशिशें चल रही है, यह नहीं चलेगी। जिन ताकतों ने किसानों को पहले रोका, आज वे ही ताकतें फिर से सक्रिय है। उन कुर्सियों पर हमारे लोग नहीं है, इसलिए फैसलों में देरी होती है।

जिसका साथ कायम रहा रहूंगा- हेमाराम
मैं परसराम मदेरणा के साथ रहा और आज भी हूं। मुझे मारवाड़ का किसान नेता बनाकर उनसे तोड़ने का प्रयास किया लेकिन मैं समझ गया। मैने शिवचरण माथुर को कहा था कि जिधर परसराम मदेरणा,उधर मैं। शीशराम ओळा हों या सचिन पायलट या फिर मेरी खुुद की गुड़ामालानी की जनता। जिसके साथ मैं रहा हूं कायम रहूंगा। चाहे मेरा कितना भी नुकसान हो जाए। मैं सचिन पायलट का ऋणी हूं कि मेरे बेटे के निधन बाद उन्होंने मुझे एक बार नहीं बार-बार संभाला, टूटने नहीं दिया। मेरे लिए पद मायने नहीं रखता, विश्वास बड़ी बात है।

इन्होंने भी रखी बात:
मंत्री मुरारीलाल मीणा,खिलाड़ीलाल बैरवा, बृजेन्द्र ओळा, राजेन्द्र गुढ़ा, पूर्व मंत्री राजेन्द्र चौधरी सहित कई वक्ताओं ने बात रखी। पूर्व विधानसभा अध्यक्ष दीपेन्द्रसिंह शेखावत, जैसलमेर विधायक रूपाराम मेघवाल, चौहटन विधायक पदमाराम मेघवाल सहित प्रदेश के कई विधायक और कांग्रेस नेताओं ने कार्यक्रम में शिरकत की।

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समर्पित हुआ हॉस्टल:
हेमाराम चौधरी ने शहर के बीचोबीच 3 बीघा जमीन दी। उनकी बेटी सुनिता और दामाद तेजसिंह ने 86 कमरों का बड़ा अत्याधुनिक हॉस्टल मय शिक्षण सुुविधा समर्पित किया जिसमें गांव ढाणी के होनहार और गरीब बच्चों को पढ़ाने की सुुविधा रहेगी। हेमाराम के इकलौते पुत्र विरेन्द्र चौधरी का निधन 2013 में कैंसर से 38 साल की उम्र में हो गया, वे बीकानेर कॉलेज में एसोसिएट प्रोफेसर थे। बहन सुनिता ने भाई की याद में यह हॉस्टल निर्मित करवाया। जिसके लिए सभी ने मुक्तकंठ से तारीफ की।

Source: Barmer News

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