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जोधपुर।

ज्येष्ठ मास के आते ही तेज हुई गर्मी से ठाकुरजी को राहत के लिए जतन शुरू हो गए है। शहर के प्रमुख मंदिरों में ठाकुरजी के लिए पंखें-कूलर चालू हो गए है। गर्मी के मौसम को देखते हुए ठाकुरजी को लगाए जाने वाले भोग, जाम (पौशाक) बदल गई है। जूनी धान मंडी गंगश्यामजी, कुंजबिहारी सहित पुष्टिमार्गीय व शैव मंदिरों में भगवान की दिनचर्या बदल गई है। वहीं शिव मंदिरों में अक्षय तृतीया से शिवलिंग पर जलाधारी लगाई गई है, जो श्रावण माह की शुरुआत तक चलेगी।

गंगश्यामजी मंदिर

जूनी धान मंडी िस्थत गंगश्यामजी मंदिर में ठाकुरजी के पंखे-कूलर के साथ परम्परागत पंगुल (रस्सी पंखा) भी लगाया जा चुका है। जहां पुजारी अपने हाथों से ठाकुरजी को पंगुल से हवा देते है। मंदिर पुजारी पुरुषोत्तम शर्मा (नागड़) ने बताया किनिज मंदिर के झाली- झरोखों पर खस की घास (टाट) लगाए गए है। वहीं जामा (पौशाक) के रूप में अब केवल श्रीअंग (दुपट्टा) पहनाया जा रहा है।

शर्मा ने बताया कि ठाकुरजी को लगाए जाने वाले भोग में अब दही, रबड़ी, आमरस, खरबूजा-तरबूज आदि ठण्डे व शीतल पदार्थ अर्पण किए जा रहे है। वहीं रात को छोगा के बाद ठाकुरजी को शयन के समय चंदन-केसर व गुलाब जल में मलमल का कपड़ा भिगोकर पर्दा किया जाता है।

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कुंजबिहारीजी मंदिर

कुंजबिहारीजी मंदिर में ठाकुरजी को गर्मी से निजात दिलाने के लिए कूलर लगाया गया है। मंदिर महंत भंवरदास निरंजनी ने बताया कि भारी, चमकीले वस्त्रों की जगह अब हल्के सूती परिधान पहनाए जा रहे है। ठाकुरजी को पानी पिलाने के लिए मिट्टी की सुराही का उपयोग किया जा रहा है।

Source: Jodhpur

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