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विकास चौधरी
जोधपुर.
केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) में चिकित्सा अधिकारियों की भर्ती के लिए मेडिकल जांच में कई अभ्यर्थी अनफिट हुए थे, लेकिन इनमें से पांच चहेते अभ्यर्थियों को ही दुबारा जांच में फिट घोषित किया गया था। सीबीआइ की तलाशी में एक चिकित्सक से जब्त दस्तावेजों में यह खुलासा हुआ।
सूत्रों के अनुसार सीसुब के आइजी आयुष मनी तिवारी ने बल के कोलकाता में सीएमओ डॉ. एसके झा, जोधपुर में सीएमओ डॉ. मिनिल हजारिका व स्पेशल ग्रेड सीसुब जालंधर के डॉ. बनी सैकिया, बतौर अभ्यर्थी विक्रमसिंह देवथिया, गगन शर्मा, करणसिंह, गुरजीतसिंह, मुकुल व्यास व अन्य के खिलाफ सीबीआइ में मामला दर्ज कराया था।
सीबीआइ ने तीन चिकित्सक व अभ्यर्थियों के ठिकानों की तलाशी ली। एक चिकित्सक के पास अभ्यर्थियों की सूची मिली। जिनमें फिट व अनफिट अभ्यर्थी शामिल थे। अनफिट अभ्यर्थियों में से पांच जनों को दुबारा जांच में फिट घोषित कर दिया था। जबकि कुछ ऐसे अभ्यर्थी भी थे जो अनफिट ही रहे थे। इससे सीबीआइ को अंदेशा है कि पांच अभ्यर्थियों को मिलीभगत से फिट घोषित किया गया होगा। फिलहाल सीबीआइ जब्त दस्तावेजों की जांच कर रही है।
सीसुब के आइजी कार्मिक से मांगे दस्तावेज
एफआइआर दर्ज होने के बाद सीबीआइ ने सीसुब के आइजी कार्मिक को पत्र भेजकर मेडिकल ऑफिसर भर्ती के नियम व शर्तों संबंधी दस्तावेज मांगे हैं। करीब डेढ़-दो माह बीतने के बावजूद अभी तक सीबीआइ को दस्तावेज उपलब्ध नहीं करवाए गए हैं।
तीन चिकित्सक व पांच अभ्यर्थी पर हैं आरोप
एमएचए की ओर से सीएपीएफ में चिकित्सा अधिकारियों की भर्ती के लिए आइटीबीपी को एक नोडल फोर्स के रूप में नियुक्त किया गया था। 2 मार्च से 16 मार्च 2022 तक सीसुब के विभिन्न सेंटरों पर भर्ती परीक्षा ली गई थी। जोधपुर में सीसुब के फ्रंटियर मुख्यालय पर 561 अभ्यर्थियों की परीक्षा थी। मेडिकल जांच में पांच अभ्यर्थी अधिक वजन के चलते अनफिट पाए गए थे। फिर आरएमई ने इन पांचों अनफिट अभ्यर्थियों को फिट घोषित कर दिया था। सीसुब के तीन चिकित्सा अधिकारियों की आरएमई ने तीन दिन बाद तीन समीक्षा मेडिकल परीक्षा ली थी और पांचों अभ्यर्थियों का वजन पीएसटी के दौरान दर्ज वजन की तुलना में कम दर्ज किया था। तीन दिन मेंं घटाया गया वजन कम पाया गया था।

Source: Jodhpur

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