जोधपुर।
‘अवैध हथियार के साथ पकड़ में आए एक युवक ने मेरा नाम ले लिया था। उस मामले में मेरा नाम भी जुड़ गया था। तब से पुलिस मेरे घर व ठिकानों पर बार-बार कभी भी तलाश के लिए आ जाती थी। जिससे मैं परेशान हो गया था। तलाश कर रही पुलिस यदि मुझे पकड़ लेती तो पक्का बुरा हश्र करती। इसलिए रोज-रोज की छापेमारी से परेशान और बुरे परिणाम के बारे में तरह-तरह के ख्याल आने की वजह से आत्म समर्पण कर रहा हूं।’ सुनने में यह भले ही अजीबोगरीब और अचंभित करने वाला लगे, लेकिन यह सच है। वांछित आरोपी ने एक पिसतौल व चार जिंदा कारतूस के साथ मण्डोर थाने में समर्पण करने के दौरान यह आपबीती बताई।
थानाधिकारी ईश्वरचंद पारीक ने बताया कि लोहावट में मगरा के ढाकों की ढाणी निवासी सचिन बिश्नोई अवैध हथियार के मामले में वांछित है। विवेक विहार थाना पुलिस ने गत 21 अप्रेल को अवैध हथियार के साथ दाउद चारण को गिरफ्तार किया था। पूछताछ में दाउद ने हथियारों की सप्लाई में सचिन बिश्नोई का नाम लिया था। तब से पुलिस उसे तलाश कर रही थी। वह शुक्रवार रात एक पिस्तौल व चार कारतूस लेकर थाने पहुंचा और समर्पण कर दिया। हथियार व जिंदा कारतूस जब्त कर ढाकों की ढाणी निवासी सचिन (22) पुत्र कंवरलाल बिश्नोई को गिरफ्तार किया गया।
दो पिस्तौल व कारतूस पहले भी बेचना कबूला
पुलिस ने आरोपी से पूछताछ की तो कुछ खुलासे हुए। वह हथियार की अवैध खरीद-फरोख्त में लिप्त है। उसने बरामद पिस्तौल व कारतूस के अलावा दो और हथियार व कारतूस पहले भी बेचना कबूल किया है। जिसके संबंध में उससे पूछताछ की जा रही है।
अधिकांशत: समर्पण को छुपाती है पुलिस
वांछित बदमाश यदि पुलिस के समक्ष आत्म समर्पण करता है तो अधिकांशत: पुलिस उसे छुपाने को तवज्जो देती है। पुलिस उसे अपने प्रयास से पकड़ा दर्शाती है। जबकि इस मामले में पुलिस ने एफआइआर भी आरोपी की आपबीती के हिसाब से दर्ज की है।
Source: Jodhpur