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मुख्यमंत्री बजट घोषणा के तहत 2017-़18 में धोरीमन्ना में शुरू हुआ आइटीआइ का भवन निर्माण कार्य 2023 तक भी पूर्ण नहीं हुआ है। निर्माणाधीन भवन के एकदम निकट ब्लास्टिंग हो रही है,जिसके पत्थर उड़कर भवन परिसर में आ रहे है। निर्माण श्रमिकों के लिए कार्य करना मुश्किल हो गया है। जिला कलक्टर व खनिज विभाग को धोरीमन्ना के ओद्यौैगिक प्रशिक्षण संस्थान लगातार चिट्ठियों पर चिट्ठियां लिखे जा रहे है लेकिन ब्लास्टिंग नहीं रुक रही।

धोरीमन्ना में आइटीआइ कॉलेज की घोषणा बाद 2018 में 6 करोड़ 15 लाख की लागत के आइटीआइ भवन के निर्माण के कार्यादेश जारी हुए। गणेशाणियों की ढाणी धोरीमन्ना में राजकीय ओद्यौगिक प्रशिक्षण संस्थान के लिए नि:शुल्क जमीन मिली। यहां खनिज गतिविधि की जानकारी पर अन्यत्र जमीन तलाशी गई लेकिन नहीं मिली। इस पर जिला कलक्टर, खनिज अभियंता और उपनिदेशक प्रशिक्षण उद्यमिता विभाग एवं संवेदक की संयुक्त बैठक में खनन गतिविधि बंद करने का आश्वासन दिया गया कि खनन गतिविधि बंद हो जाएगी। ऐसा कुछ दिन तक चला लेकिन यह गतिविधि अनवरत जारी है।

आधा काम हुआ और अब प्रभावित

आइटीआइ भवन निर्माण का कार्य आधा हुआ और ब्लास्टिंग नहीं रुकने पर पत्थर उड़-उड़कर परिसर के भीतर आने लगे। निर्माण श्रमिकों के लिए यह खतरा बन रहा है। ऐसे में उन्होंने काम करने से इनकार दिया। अब यह आधा भवन बना है और निर्माण गतिविधि रुकी हुई है।

चिट्ठियां-शिकायत पर कार्रवाई नहीं

आइटीआइ अधीक्षक धोरीमन्ना की ओर से बार-बार जिला कलक्टर, खनिज अभियंता और निर्माण कार्यकारी एजेंसी को पत्र लिखे जा रहे है, जिसमें उल्लेख हो रहा है कि खनिज गतिविधि के चलते यह समस्या हैै, इसको दूर नहीं किया तो भवन नहीं बन पाएगा। करीब 615 करोड़ के भवन का काम अटका हुआ है।

परिसर के भीतर तक खनन

अंतिम पत्रों में तो अधिकारियों ने यह भी शिकायत की है खनन लीज से बाहर आकर अब तो परिसर की जमीन के भीतर तक आ गए हैै। किसी तरह की कार्यवाही नहीं होने से अवैैध खनन होने लगा है। आइटीआइ का भवन बनने से पहले इस इलाके की जमीन से अवैध खनन का इरादा लग रहा है।

Source: Barmer News

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