Posted on

थार की प्रतिभाओं ने सिविल सेवा परीक्षा में सफलता में कमाल कर दिखाया है। साल 2023 में एक ही बार में तीन अभ्यर्थी आईएएस बने है। जिले से एकसाथ तीन अभ्यर्थियों का सिविल सेवा में चयन पर खुशी का माहौल है। चयनितों के परिवारों को बधाईयां मिल रही है। सोशल मीडिया के प्लेटफार्म पर सफल प्रतिभाएं छाई हुई है।

पापा ने दी हिम्मत बन गया आईएएस
बाड़मेर शहर के शास्त्री नगर में रहने वाले विकास अधिकारी नरसिंगदास सुंवासिया के पुत्र चन्द्र प्रकाश सुंवासिया का भारतीय प्रशासनिक सेवा में 562 वीं रैंक के साथ अंतिम चयन हुआ है। सफलता पर चन्द्र प्रकाश का फूल मालाओं के साथ व मिठाइयां बांट कर स्वागत और अभिनंदन किया गया।
अखिल भारतीय रैगर महासभा के अध्यक्ष भंवरलाल खोरवाल ने बताया कि बाड़मेर जिले में समाज का पहला बेटा भारतीय प्रशासनिक सेवा में चयन होने पर पूरे समाज में खुशी है। इस दौरान नव चयनित आईएएस चन्द्र प्रकाश ने बताया कि पिता के मार्गदर्शन में तैयारी की, जिसके फलस्वरूप आज मुझे सफलता प्राप्त हुई। मेरे आईएएस बनने के पीछे मेरे माता-पिता है, उनकी बदौलत ही यह मुकाम हासिल किया। इस दौरान आंबाराम बडेरा, मिश्रीमल जेलिया, चन्दन जाटोल, उमाशंकर फुलवारिया, अमरचंद नवल, रमेश बडेरा, दयालचंद गोसाई, महीपाल खोरवाल, जगदीश मोसलपुरिया, विशनाराम जाटोल, जितेन्द्र जाटोल, रमेश मोसलपुरिया, ओ.पी बडेरा, केशाराम जाटोल, भंवरलाल फुलवारिया, मिश्रीमल जाटोल, देदाराम फुलवारिया, मदनलाल जाटोल, प्रेमसुख खोरवाल ने बधाई दी।
ऑनलाइन स्टडी से पाई सफलता
आईएएस चंद्रप्रकाश ने बिना किसी कोचिंग की मदद से ऑनलाइन सेल्फ स्टडी करते 562वीं रैंक हासिल करते हुए एआईएस बने है। प्रारंभिक शिक्षा बाड़मेर शहर में पूरी की। इसके बाद धनबाद से आईआईटी 2021 में की। इस दौरान कोरोना में सिविल सेवा की तैयारी शुरू दी। जो बाद में लगातार ऑनलाइन पर ही फोकस किया। सफलता के लिए रोजाना 6 से 8 घंटे पढ़ाई की।
———
पादरू निवासी जैनम को यूपीएससी में 103वीं रैंक
संघ लोक सेवा आयोग की ओर से घोषित परीक्षा परिणाम में पादरू निवासी जैनम जैन ने पूरे देश में 103वीं रैंक प्राप्त की है। वह सफलता के लिए प्रतिदिन आठ से दस घंटे नियमित पढ़ाई करता था। पच्चीस वर्षीय जैनम ने चौथे प्रयास में यह सफलता प्राप्त की।
जैनम के पिता महेंद्रकुमार परिवार सहित नंदूबार में रहते हैं। मां मंजूदेवी गृहिणी है। नंदूबार में माध्यमिक शिक्षा व पूना में बीएससी की पढ़ाई करने वाले जैनम ने इससे पहले तीन बार यूपीएससी की परीक्षा दी, लेकिन मुख्य परीक्षा उत्तीर्ण नहीं कर पाए। जैनम ने बताया कि किशोर अवस्था में ही यूपीएससी परीक्षा उत्तीर्ण करने का लक्ष्य तय किया था। पहली बार परीक्षा में अपेक्षा अनुसार परिणाम प्राप्त नहीं होने पर उसे मन में कुछ निराशा हुई, लेकिन उसने पीछे मुड़ कर नहीं देखा। क्रिकेट शतरंज खेल का शौक रखने वाले जैनम ने बताया कि उसके रोल मॉडल उसकेे पिता है, जो हर समय उसे पढ़ाई करने के लिए प्रेरित करते थे। पहली बार परीक्षा में शामिल होने के लिए उसने कोचिंग की थी, इसके बाद वह स्वयं घर पर ही पढ़ाई करता था।
पूनिया दूसरे प्रयास में सफल
बाड़मेर जिले के पायला कलां के आशीष पूनिया ने 557वीं रैंक हासिल की है। यह उनका दूसरा प्रयास था। पूनिया पिछले पांच साल से प्रयोगशाला सहायक के रूप में कार्यरत है।
तीन सरकारी नौकरी हासिल की, अब आइएएस
जिले के झांपली खुर्द गांव के मोहनदान पिछले चार वर्ष से सिविल सेवा की तैयारी कर रहे थे। इससे पहले तीन सरकारी नौकरी हासिल की। वर्ष 2012 में द्वितीय श्रेणी अध्यापक, 2016 में स्कूली शिक्षा में व्याख्याता व 2018 में कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर चयन हुआ। वर्तमान में राजकीय महाविद्यालय कल्याणपुरा में कार्यरत हैं। आईएएस में 710वीं रैक पर रहे हैं।

Source: Barmer News

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *