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राज्य के टॉप-5 व कमिश्नरेट का मोस्ट वांटेड अजयपालसिंह उर्फ एपी चार साल 5 माह से पुलिस के लिए चुनौती बना हुआ था। हत्या में आजीवन कारावास की सजा काटने के दौरान जेल से पैरोल पर फरार होकर दो और हत्या कर दी थी। अब वह आइपीसी की धारा 303 का आरोपी है। यानि कोर्ट में एक और हत्या करना साबित होते ही उसे फांसी की सजा हो सकती है। संभवत: वह संभाग में आइपीसी की धारा 303 का पहला आरोपी है। खास बात तो यह है कि छह माह में छह राज्य की पुलिस ने एक लाख से अधिक किलोमीटर तक मोस्टवांटेड का पीछा किया था।

पत्नी बोली, आत्महत्या करने गई थी, फुटेज ने पोल खोली

एएसपी नाजिम अली ने बताया कि गत 15 से 20 मई तक पत्नी एपी से मिलने सूरत गई थी। घरवालों से पूछताछ की गई तो बोले कि पुत्रवधू अपनी बेटी को दिखाने महामंदिर में निजी अस्पताल गई है और रात वहीं रुकेगी। पांच दिन बाद वह लौटी तो पुलिस ने पूछताछ की थी। वह रोने का नाटक करने लगी और बोली कि बेटी संग आत्महत्या करने गई थी, लेकिन पुलिस ने पावटा बस स्टैंड पर अवतारसिंह के साथ बस से उतरने के फुटेज दिखाए तो वह फंस गई। पुलिस ने पीछा कर पांच हजार रुपए के इनामी अवतार को पकड़ा। 15 मई को पत्नी बस में सवार होकर साण्डेराव पहुंची थी, जहां से वह कार में सवार होकर सूरत गई थी। वीरेन्द्र प्रताप सिंह के फ्लैट में एपी के साथ पांच दिन रही। दोनों ने मॉल में शॉपिंग भी की थी।

पत्नी-बेटी से था प्यार, कपड़ों में छुपाती थी मोबाइल

एसीपी देरावरसिंह ने बताया कि एपी को अपनी पत्नी व पुत्री से बेइंतहा प्यार था। पत्नी से सिग्नल एप के मार्फत बात करता था। पत्नी दूसरे परिजन के मोबाइल यूज करती थी। पुलिस पूछताछ करने पहुंचती तो खुद का मोबाइल कपड़ों में छुपा लेती थी। वह खुद नम्बर सेव करके नहीं रखती थी। अपनी सलवार में सिलाई के पीछे पेंसिल से मोबाइल नम्बर लिख रखे थे।

पत्नी पर सख्ती दिखाई तो एपी ने कांस्टेबल दी थी धमकी

छह माह पहले पुलिस ने वड़ोदरा व हलोल में छापे मारे थे। एपी फरार हो गया था। एक फ्लैट से एपी की पत्नी व देवर रिछपालसिंह को पकड़ा गया था। पत्नी को ससुराल लाकर छोड़ दिया गया था, लेकिन पुलिस पत्नी पर नजर रखे हुए थी। पुलिस पूछताछ के दौरान कांस्टेबल किशनसिंह ने एक बार पत्नी पर सख्ती की तो एपी ने कांस्टेबल को देख लेने की धमकी तक दिलवाई थी।

Source: Jodhpur

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