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बाड़मेर. जिस चिकित्सक की परर्फोमेंस कमजोर है, उसे गांव भेज दो। जिससे गांवों के मरीजों को राहत मिलेगी। पीडि़तों को जिला मुख्यालय नहीं आना पड़ेगा। बाड़मेर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में बुधवार को निशुल्क दवा काउंटर उद्घाटन करने के बाद जिला कलक्टर अंशदीप ने चिकित्सा अधिकारियों से अस्पताल की व्यवस्थाओं की जानकारी ली। इस दौरान विधायक मेवाराम जैन ने बताया कि मेडिकल कॉलेज शुरू होने के बावजूद अभी भी मरीजों को रैफर किया जा रहा है, जो गलत है। इस पर पीएमओ बीएल मंसूरिया ने कहा कि गंभीर प्रकृति व हैड इंजूरी वाले मरीजों को ही रैफर किया जा रहा है।
जिला कलक्टर ने कहा कि जो चिकित्सक अपना आउटपुट पूरा नहीं दे रहा है, उसे यहां रखने की जरूरत नहीं है। उसे किसी गांव की सीएचसी-पीएचसी में लगा दो, इससे वहां के मरीजों को राहत मिलेगी। उन्होंने कहा कि गडरारोड लगा दो, लोग वहां से करीब 100-150 किमी का सफर करके जिला मुख्यालय जांच के लिए आते हैं।
गायनिक ज्यादा, दूसरे विशेषज्ञों को लगाओ
विधायक ने कहा कि गायनिक के विशेषज्ञ कंपनियों की ओर से लगे हैं। जबकि अस्पताल के गायनिक विशेषज्ञ भी हैं। ऐसे में कंपनी के ऐसे गायनिक की जगह न्यूरो सहित अन्य विशेषज्ञ लगाने चाहिए। जिससे मरीजों को इलाज के लिए बाड़मेर से बाहर नहीं जाना पड़े। मेडिकल कॉलेज खुलने का फायदा भी मरीजों को मिलना चाहिए।
यूनिटों में फंस गया मरीज
विधायक ने अधिकारियों से कहा कि चिकित्सकों की यूनिट बना देने से भी मरीजों को परेशानी हो रही है। यूनिट में एक चिकित्सक को जांच के बाद फिर से फॉलोअप में उसी यूनिट का अन्य चिकित्सक देखता नहीं है। ऐसे मामले भी मेरे पास आए हैं। मैंने अपने स्तर पर ही चिकित्सक से बात करके मरीजों की जांच करवाई है। इस दौरान कॉलेज प्राचार्य डॉ. एनडी सोनी, पीएमओ मौजूद रहे।

Source: Barmer News

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