Posted on

हरेन्द्रसिंह बगवाड़ा/जोधपुर। Rajasthan Assembly Election 2023: मैंने जयपुर-जोधपुर हाईवे पर जब बिलाड़ा लिखा बोर्ड देखा तो मै रुक गया। यहां बिलाड़ा का एसडीएम ऑफिस, थाना, मिनी सचिवालय आईटीआई, एसीजेएम कोर्ट सभी कुछ हाईवे पर मौजूद हैं। लेकिन बिलाड़ा नदारद। पूछा तो पता चला कि यह बिलाड़ा नहीं होकर, पिचियाग ग्राम पंचायत है। बिलाड़ा पांच किलोमीटर अंदर की तरफ है। स्थानीय लोगों ने बताया कि बिलाड़ा चूंकि हाईवे से अंदर की तरफ है, इसलिए वहां के सभी सरकारी कार्यालय बेहतर कनेक्टिविटी के लिए पिचियाग शिफ्ट कर दिए गए हैं। बिलाड़ा में सरकारी कार्यालय के नाम पर सिर्फ तहसील और पंचायत समिति कार्यालय रह गए हैं। खैर ऑफिस तो अभी कुछ समय पहले शिफ्ट हुए हैं, लेकिन यहां से बड़ी संख्या में लोग तो काफी वर्षों पहले बेंगलूरु, चेन्नई और हैदराबाद जैसे शहरों में जा कर बस गए हैं। बिलाड़ा के रोड़वेज बस स्टैंड पर पहुंचा तो यहां कुछ ग्रामीणों से बातचीत का दौर शुरू हुआ। स्थानीय निवासी देवीसिंह बोले, सरकारी योजनाओं का लाभ जनता को मिल रहा है। चिरंजीवी से लोग खुश हैं। लेकिन सीवरेज की हालत खस्ता है। स्कूलों में अध्यापक तो पर्याप्त हैं, लेकिन अस्पताल में डाक्टरों के पद खाली हैं।

रोडवेज कैंटीन संचालक कल्याणसिंह ने बताया कि बिलाड़ा के सैकड़ों गांव-ढाणियों में पीने के पानी का संकट गहराया हुआ है। यह हालत हुई है जोधपुर जिले के सबसे बड़े बांध जसवंत सागर के रीत जाने से। पिछले करीब डेढ़ दशक से इस बांध में पानी की आवक नहीं होने से बिलाड़ा और पीपाड़ के कई गांवों के लोग फ्लोराइड़ युक्त खारा पानी पीने का विवश है। जिससे जोड़ों और दांतों के खराब होने की बीमारी आम हो गई है। पेयजल का मसला आगामी विधानसभा चुनावों में यहां मुख्य मुद्दे के रूप में सामने आ सकता है।
यह भी पढ़ें : कभी तरसते थे….पानी आया तो निकास तंत्र गड़बड़ाया, जलभराव बड़ी समस्या

कभी रणसी गांव की बावड़ी…
बिलाड़ा के पास ही एक गांव है रणसी। किसी समय रणसी गांव की भूत बावड़ी मीठे पानी का मुख्य स्रोत था। रणसी गांव और आस-पास की बेरियों में भरा मीठा पानी जोधपुर तक के लोगों की प्यास बुझाया करता था। गांव के लोगो ने बताया कि माणकलाव दांतेवाड़ा परियोजना के तहत इंदिरागांधी नहर परियोजना का पानी भावी तक आ रहा है। पीपाड़ सिटी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की कर्मभूमि रही है। गहलोत ने राजनीति में आने से पहले यहां खाद बीज की दुकान खोली थी।
यह भी पढ़ें : परकोटा-हवेलियां बिसराई, पटरी ने शहर को किया बेपटरी…भुजिया का स्वाद ले रही दुनिया

भोपालगढ़: भोपालगढ़ विधानसभा क्षेत्र में राजसिंह से मुलाकात हुई तो वे बोल, भोपालगढ़ किसी समय मदेरणाओं का गढ़ हुआ करता था। पूर्व विधानसभा अध्यक्ष परसराम मदेरणा की यहां तूती बोलती थी। लेकिन 2008 में परिसीमन के बाद यह सीट अनुसूचित जाति के लिए रिजर्व हो गई।

शेरगढ़: शेरगढ़ के रामसिंह का कहना था कि जोधपुर जिले की शेरगढ़ विधानसभा सीट पूर्व सैनिकों के लिए जानी जाती है। आज भी यहां के युवाओं में फौज और बीएसएफ में भर्ती होने का जुनून कायम है।

फलोदी: बीकानेर की सीमा से लगी फलोदी विधानसभा क्षेत्र में पहुंचे तो वहां मिले राजवीर बेबाकी से कहा, हमारे भड़ला गांव ने सौर ऊर्जा के क्षेत्र में पहचान कायम की है, लेकिन फलोदी की पहचान देश में सट्टा बाजार के रूप में भी है। चुनावों में ऊंट किस करवट बैठेगा, यह जानने के लिए लोग फलोदी के सट्टा बाजार पर नजरें जमाए रखते हैं।

लोहावट: परिसीमन के बाद नया बना लोहावट विधानसभा क्षेत्र अपराध के लिहाज से चर्चा में रहता है। ज्यादातर नामी अपराधी यहां से जुड़े हैं।

 

चुनावों से जुड़ी अन्य खबर पढ़ने के लिए क्लिक करें…

 

Source: Jodhpur

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *