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जयपुर। कहा जाता है कि ‘2 जून की रोटी’ किस्‍मत वालों को ही नसीब होती है। वो लोग बड़े ही नसीब वाले होते हैं जिन्‍हें 2 जून की रोटी नसीब होती है। ऐसे में आप 2 जून की रोटी खा सकें इसके लिए पुख्ता इंतजाम करने के लिए राजस्थान सरकार लगातार काम कर रही है। इसी के चलते सरकार ने महंगाई राहत कैंप चलाए हुए हैं। इन कैंपों का निरीक्षण खुद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत लगातार कर रहे हैं। इसी के तहत आज मुख्यमंत्री ने अपने कार्यक्रम का शेड्यूल अपने फेसबुक पेज पर जारी किया है। इसके तहत आज सीएम बाड़मेर और बाड़मेर के पचपदरा में दो कार्यक्रम आयोजित कर रहे हैं।

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गहलोत के आज के कार्यक्रम
सीएम गहलोत आज 10:30 पर बाड़मेर के पचपदरा में रिफाईनरी साइट की रिव्यू बैठक कर रहे हैं। इसके अलावा दोपहर 1 बजे बाड़मेर में महंगाई राहत कैंप का अवलोकन और विभिन्न विकास कार्यों का शिलान्यास करेंगे। इन कार्यों को लेकर सीएम गहलोत ने अपने फेसबुक पर लिखा है कि ‘दिनांक 02 जून 2023 को राजस्थान की प्रगति को गति देने हेतु इन कार्यक्रमों का सहभागी बनूंगा।’

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ये है 2 जून की रोटी का अर्थ
आपको बता दें कि जून अवधि भाषा का शब्द है जिसका अर्थ समय होता है। 2 जून की रोटी कमाने का मतलब है कि दिन में 2 समय रोटी बड़े नसीब से या बड़ी मुश्किल से मिलती है। देखा जाए तो जीवन की सबसे बड़ी जद्दोजहद पेट पालने की ही है। पेट की भूख को शांत रखने के लिए ही इंसान रात-दिन मेहनत करता है. हमारे देश में जहां आबादी का एक बड़ा हिस्‍सा भीषण गरीबी में अपना जीवन बिता रहा है, उनके लिए दिन में 2 बार भर पेट भोजन करना वाकई मुश्किल है। ऐसे में इस महंगाई के दौर में राजस्थान के मुख्यमंत्री की तरफ से महंगाई राहत कैंप चलाए जा रहे हैं ताकि आम आदमी 2 जून की रोटी आसानी से कमाकर खा सके।

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नाकाफी हैं सरकारी योजनाएं है
आपको बता दें कि 2017 में आए नेशनल फैमिली हेल्‍थ सर्वे के अनुसार, भारत में 19 करोड़ लोगों को भरपेट भोजन उपलब्‍ध नहीं है। हालांकि, कोरोना महामारी के समय से ही गरीबी रेखा से नीचे गुजर बसर कर रहे लोगों को सरकार मुफ्त राशन मुहैया करा रही है ताकि उनकी पेट भरने की मौलिक जरूरत पूरी हो सके।

Source: Barmer News

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