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बाड़मेर ग्रामीण थाना क्षेत्र के विशाला कस्बे में अज्ञात चोर मंदिरों को लगातार निशाना बना रहे हैं। बीते बारह महीने में जगतम्बा मंदिर व सच्चियाय माता मंदिर में सात बार चोरी की वारदातें हुई है। ताजा वारदात शनिवार रात की है, लेकिन हर बार की तरह इस बार भी चोरों का पता नहीं चल पाया है।

विशाला कस्बे में टेकरी पर जगतम्बा माता का मंदिर है। टेकरी पर पहुंचने के रास्ते में ही सच्चियाय माता का मंदिर है। इन मंदिरों में सुबह-शाम श्रद्धालु आते-जाते रहते हैं, लेकिन रात के समय मंदिर तालाबंद रहते हैं। महीने भर में इन मंदिरों की तिजोरियों में चार से पांच हजार रुपए की नकदी एकत्रित होती है। अज्ञात चोर बीते बारह महीने से इन मंदिरों को लगातार निशाना बना रहे हैं। मंदिरों की देखरेख करने वालों ने शुरूआत में हुई दो तीन वारदातों को अनदेखा किया। वारदातों का सिलसिला नहीं थमा तो पुलिस चौकी विशाला में सूचना दी, लेकिन किसी ने रिपोर्ट दर्ज नहीं करवाई। ऐसे में पुलिस ने भी हल्के में लिया। सच्चियाय माता मंदिर से जुड़े पुखराज जैन ने 5 जनवरी को पहली बार ग्रामीण थाने में एफआईआर दर्ज करवाई, जिसमें 3 जनवरी की रात मंदिरों के ताले टूटने व तिजोरियों से नकदी चोरी होने की जानकारी दी गई। मामला रिकॉर्ड पर आने के बावजूद पुलिस इस वारदात का खुलासा नहीं कर सकी।

फिर हुई वारदात

जनवरी की वारदात का खुलासा नहीं होने से चोरों का हौसला बुलंद हुआ। लिहाजा उन्होंने दो दिन पहले शनिवार रात दोनों मंदिरों के ताले फिर से तोड़ दिए। वारदात के दो दिन बाद पुलिस ने सोमवार को मंदिरों में जाकर मौका मुआयना किया। हालांकि विशाला में पुलिस चौकी भी है, लेकिन पुलिस को घटनास्थल पर पहुंचने में दो दिन लग गए। शनिवार की वारदात को लेकर पुखराज ने एक बार फिर ग्रामीण थाने में प्राथमिकी दर्ज करवाई।

ग्रामीणों में आक्रोश

मंदिरों के ताले टूटने की वारदातें बार-बार होने व वारदातों का खुलासा नहीं होने से ग्रामीणों में आक्रोश है। अशोक जैन ने बताया कि हर दूसरे या तीसरे महीने चोरी की वारदात हो जाती है। चोरों में पुलिस का डर ही नहीं है। चोरी के बाद खुलासा भी नहीं होता है। उनका आरोप है कि पुलिस वारदातों को गंभीरता से नहीं ले रही है।

Source: Barmer News

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