जोधपुर। गर्मियों की छुट्टियों में दोस्तों के घूमने के लिए बाहर जाने से एक मासूम के दिमाग पर ऐसा असर पड़ा कि वह घर से बिना बताए जोधपुर पहुंच गया। हालांकि जीआरपी थाना पुलिस की सक्रियता के चलते मासूम बच्चा आखिरकार अपने परिवार से मिल पाया।
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जीआरपी थाना जोधपुर के हैड कांस्टेबल जस्साराम ने बताया कि उन्हें रेलवे स्टेशन पर एक मासूम बच्चा गुमसुम बैठा नजर आया। इसके बाद बच्चे के पास जाकर तसल्ली से पूछताछ की गई। 15 साल के बच्चे रामदेव ने बताया कि गर्मियों की छुट्टियों में उसके दोस्त बाहर घूमने चले गए थे। ऐसे में वह भी घूमना चाहता था। इसलिए वह 100 रुपए लेकर किसी को बिना बताए घूमने के लिए गांव डिगोह जिला कोटा से जोधपुर और जैसलमेर के लिए निकल गया।
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बच्चे ने बताया कि जोधपुर आने तक उसके 100 रुपए भी खर्च हो गए और खाने के लिए भी उसके पास कुछ नहीं है। इस पर जीआरपी स्टाफ ने मानवीयता दिखाते हुए पहले तो बच्चे को खाना खिलाया। इसके बाद परिजनों के मोबाइल नंबर लेकर उनसे संपर्क किया गया। पुलिस की सूचना पर बच्चे के पिता बजरंग लाल बैरवा निवासी गांव बमौरी अन्य परिजनों के साथ जोधपुर पहुंचे और अपने बच्चे को सकुशल पाकर राहत की सांस ली।
Source: Jodhpur