जोधपुर।
वाणी के कारक और ग्रहों के राजकुमार बुध जून माह में दो बार राशि बदलेंगे। बुध ग्रह बुधवार को वृष राशि में प्रवेश करेंगे। इस राशि उनका गोचर 17 दिन यानि 24 जून तक होगा। इसके बाद बुध मिथुन राशि में गोचर करेंगे। बुध बुधवार को शाम 7:45 बजे वृषभ राशि में प्रवेश करेंगे । 19 जून को बुध वृष राशि में अस्त हो जाएंगे । इसके बाद 24 जून को बुध मिथुन राशि में प्रवेश करेंगे ।
ज्योतिष में बुध ग्रह बल, बुद्धि, तर्क क्षमता, वाणी और व्यापार के कारक होते हैं । ऐसे में जून का महीना उनके लिए बेहद खास रहेगा, जिनकी कुंडली में बुध मजबूत हैं ।
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क्या होगा असर
पं प्रेमप्रकाश ओझा के अनुसार बुध के राशि परिवर्तन से लोगों में रचनात्मकता बढ़ेगी। शेयर मार्केट बढ़ने की संभावना है। कीमती धातुओं के दाम कम होंगे। बिजनेस करने वाले लोगों के लिए समय अच्छा रहेगा। लेन-देन और निवेश में कई लोगों को फायदा मिल सकता है।
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यह करे उपाय
बुध से पीड़ित व्यक्ति को मां दुर्गा की आराधना करनी चाहिए। बुधवार के दिन गाय को हरा चारा खिलाना व बुधवार को गणेश जी को दूर्वा चढ़ानी चाहिए।
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कृष्णपिङ्गल संकष्टी चतुर्थी 7 को
आषाढ़ कृष्णा चतुर्थी बुधवार को संकष्टी चतुर्थी का व्रत रखा जाएगा। आषाढ़ माह की संकष्टी चतुर्थी को कृष्णपिंगल संकष्टी चतुर्थी कहते हैं। पं अनीष व्यास ने बताया कि संकष्टी चतुर्थी व्रत सभी संकटों से मुक्ति के लिए रखा जाता है। पंचांग के अनुसार आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि मंगलवार को देर रात 12:50 से शुरू होकर बुधवार को रात 9:50 बजे पर खत्म होगी। ऐसे में उदयातिथि के आधार पर कृष्णपिंगल संकष्टी चतुर्थी व्रत बुधवार को रखा जाएगा।
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संकष्टी चतुर्थी का महत्व
संस्कृत भाषा में संकष्टी शब्द का अर्थ कठिन समय से मुक्ति पाना होता है। अमावस्या के बाद आने वाली शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायकी चतुर्थी और पूर्णिमा के बाद कृष्ण पक्ष में आने वाली चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी कहते है।
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Source: Jodhpur