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जोधपुर। गुड़ा बिश्नोइयान गांव में बूड़ियों की ढाणी निवासी लूणीदेवी पत्नी चतुराराम और बरजूदेवी पत्नी ओमप्रकाश दोपहर में खेत के लिए पैदल घर से निकलने लगी थी। गर्मी अधिक होने के चलते तब बड़े भाई ने प्रेमाराम को कहा था कि दोनों को बाइक से खेत छोड़ दे। देवर प्रेमाराम ने पहले तो मजाक में कहा था कि स्वास्थ्य के लिए थोड़ा पैदल भी जाना चाहिए। इतने में दोनों महिलाएं घर से निकल गईं।

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देवर प्रेमाराम बाइक लेकर पीछे गया और दोनों भाभियों को बाइक पर बिठाकर दो-तीन सौ मीटर दूर मुख्य रोड पर पहुंचा। तभी गलत दिशा से आई कार ने तीनों को कुचल दिया और तीनों की मौत हो गई थी। प्रेमाराम के पिता का निधन हो चुका है। वह खेती के साथ-साथ डम्पर संचालक है। उसके दो बच्चे हैं। मृतका लूणी देवी के पति चार-पांच साल पहले सड़क हादसे में घायल हुए थे। वो अभी भी पूरी तरह दुरुस्त नहीं हैं। बड़े भाई ने उसे भाभियों को खेत छोड़ने को कहा तो वह बुलेट ले जाने लगा था, लेकिन वह स्टार्ट नहीं हुई थी। तब वो दूसरी बाइक लेकर गया था।

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तीनों मृतकों का मिट्टी दाग

पोस्टमार्टम के बाद तीनों शवों के गांव पहुंचते ही चीख चित्कार मच गई। परिजन व रिश्तेदार ही नहीं, आस-पास के ग्रामीण भी रोने लग गए। गमगीन माहौल में तीनों की एक साथ अंतिम यात्रा निकली। गांव में ही तीनों को मिट्टी दाग दिया गया। ग्रामीणों का कहना है कि कार के कुचलने से प्रेमाराम के पांव टूट गया था। अन्य जगहों पर भी चोट आई थी। ग्रामीण उसे घर ले गए थे, जहां से फिर उसे एम्स ले जाया गया था, लेकिन रास्ते में मौत हो गई थी।

Source: Jodhpur

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