जोधपुर। मादक पदार्थ से भरी गाड़ी निकालने के बदले रिश्वत मांगने के एक प्रकरण में नया खुलासा हुआ है। एसीबी के गोपनीय सत्यापन की रिकॉर्डिंग में आरोपी कांस्टेबल ने परिवादी से कहा है कि पुराने एसपी साहब(कुछ वर्ष पहले एसपी रहे) तो एक गाड़ी निकालने के बदले 5 लाख रुपए लेते थे। रिकॉर्डिंग में आरोपी कांस्टेबल महेन्द्र कुमार जाट कह रहा है कि ‘गाड़ी निकालने और खाली कराने के दौरान दो-तीन घंटे तक कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी। इसके लिए फलोदी थानाधिकारी राकेश ख्यालिया व डीएसटी प्रभारी एसआइ लाखाराम को 50-50 हजार और मुझे 10 हजार रुपए देने होंगे। पुराने एसपी साब तो एक गाड़ी के बदले 5 लाख रुपए लेते थे। अभी वाले एसपी साहब नए हैं।’
बोला, सिपाही हूं…फंसाना मत साहब
हंसादेश गांव निवासी रमेशचन्द्र बिश्नोई ने रिश्वत मांगने की शिकायत एसीबी से की थी। 4 मई को गोपनीय सत्यापन करवाने के लिए उसे फलोदी थाने भेजा गया था, जहां उसकी व कांस्टेबल महेन्द्र कुमार के बीच वार्तालाप हुआ। कांस्टेबल ने पहले रमेशचन्द्र से बात कर गाड़ी निकालने के बदले 1.10 लाख रुपए मांगे थे। परिवादी के कहने पर कांस्टेबल ने डीएसटी प्रभारी लाखाराम से व्हॉट्सऐप कॉल पर भी बात की थी। स्पीकर ऑन करके हुई बात में डीएसटी प्रभारी ने 50 हजार रुपए पर हां की थी और कोई दिक्कत न आने की स्वीकृति दी थी। कांस्टेबल ने यह भी कहा था कि मैं सिपाही हूं साहब…फंसाना मत।
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भनक लगी तो नहीं ली रिश्वत
एसीबी ने 1.10 लाख रुपए रिश्वत मांगने पर कांस्टेबल महेन्द्र कुमार व अन्य के खिलाफ एफआइआर दर्ज की है। पीडि़त ने टोल फ्री नम्बर 1064 पर शिकायत की थी। सत्यापन में रिश्वत मांगने की पुष्टि हुई थी, लेकिन कार्रवाई की भनक लगने पर सिपाही व अन्य ने रिश्वत नहीं ली थी।
निलम्बित कर जांच के आदेश दिए हैं…
रिश्वत मांगने के संबंध में एसीबी में दर्ज एफआइआर मिलते ही कांस्टेबल महेन्द्र कुमार को निलम्बित कर दिया गया है। उसे पहले ही फलोदी थाने से लाइन हाजिर कर दिया गया था।
धर्मेन्द्र सिंह यादव, पुलिस अधीक्षक- जोधपुर ग्रामीण
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Source: Jodhpur