जोधपुर। राजस्थान हाईकोर्ट के समक्ष बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिकाओं की सुनवाई के दौरान एक ऐसा मामला आया, जहां एक नाबालिग प्रेमी जोड़ा साथ रहना चाहता था। घर से निकलने के बाद दोनों साथ ही रहे और इस दौरान उनका एक बच्चा भी हो गया। कोर्ट ने नाबालिग होने के नाते लड़के को किशोर गृह तथा लड़की को बालिका गृह भेजने के निर्देश दिए हैं।
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न्यायाधीश मनोज कुमार गर्ग तथा न्यायाधीश मदन गोपाल व्यास की खंडपीठ में दो बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिकाओं की सुनवाई के दौरान अतिरिक्त महाधिवक्ता एमए सिद्दिकी ने कहा कि पुलिस ने नाबालिग लड़के और लड़की का पता लगा लिया है। कोर्ट के संज्ञान में लाया गया कि दोनों नाबालिग लड़का-लड़की घर से भाग गए थे।
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इस दौरान उनका एक बच्चा भी हो गया है। पूछताछ में लड़की ने कहा कि वह लड़के के साथ जाना चाहती है। खंडपीठ ने नाबालिग होने के चलते लड़की को अगली सुनवाई तक राजसमंद स्थित बालिका गृह भेजने के निर्देश दिए, जबकि नाबालिग लड़के को राजसमंद स्थित किशोर गृह भेजा गया है। अगली सुनवाई 5 जुलाई को होगी।
Source: Jodhpur