बाड़मेर/बालोतरा। Good News: सूखी धरा पर इंद्र देवता की मेहर बरसी तो नदी भी खिलखिला उठी। मरु गंगा नाम से मशहूर लूनी नदी में मंगलवार को फिर से पानी बहने पर हर तरफ खुशी छा गई। संतों व लोगों ने ढोल-ढमाके से इस जल का स्वागत किया। वहीं नदी जल का पूजन कर इसे चुंदड़ी ओढ़ाई और आरती उतारी। पूरा शहर यह नजारा देखने के लिए उमड़ पड़ा। उल्लेखनीय है कि पश्चिमी राजस्थान की सबसे बड़ी लूनी नदी बालोतरा जिले की सीमा के गांव रामपुरा से यहां प्रवेश करती है। इस नदी का उद्गम स्थल अजमेर की नाग पहाडियां हैं।
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यह 495 किलोमीटर लंबाई में फैली हुई है। लूनी नदी अजमेर, नागौर, पाली, जोधपुर, बालोतरा, बाड़मेर व जालोर छह जिलों से होकर गुजरती है। नजारा कुछ ऐसा था कि नदी किनारे के गांवों के सैकड़ों लोगों ने देर रात तक इसका इंतजार किया। रात दो बजे कनाना व सुबह दस बजे बिठूजा आदि होते हुए दोपहर 2.30 बजे बालोतरा क्षत्रियों का मोर्चा नदी में पानी पहुंचा। पानी का बहाव देख कर उनके चेहरे ख़ुशी से खिल उठे।
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लूनी नदी में सुबह करीब 3.50 फीट पानी बह रहा था। शाम तक इसने जसोल की रपट पार कर, ली। लोगों को लगातार सावचेत किया जा रहा है। -अश्विनी के पंवार, अतिरिक्त जिला कलक्टर ।
Source: Barmer News