जोधपुर. शहर के दर्शनीय स्थलों में विशेष स्थान रखने वाला उम्मेद उद्यान वर्तमान में शरारती युवाओं और बच्चों के लिए खेल मैदान, जुआरियों और नशेडिय़ों की शरणगाह बन चुका है। यही कारण है कि उद्यान में स्थित शिवालय और संग्रहालय सूने नजर आते हैं। करीब 85 वर्ष प्राचीन उम्मेद उद्यान के विकास के लिए दो दशक में कई योजनाएं बनी लेकिन क्रियान्वयन किसी का नहीं हुआ। विकास के नाम पर वृक्ष और पौधे उजाड़े जा रहे हैं।
इससे उद्यान का वजूद खत्म होता जा रहा है। न्यायालय के आदेश के बावजूद उद्यान में कारों व दुपहिया वाहनों के बेरोकटोक आने-जाने से बुजुर्गों और पर्यटकों को परेशानी बढ़ती जा रही है। निगम की ओर से बनाए गए शौचालय सडांध मारने लगे हैं। संग्रहालय के गेट संख्या पांच के पास निर्मित शौचालय की पानी की पांच टंकियां चोरी हो चुकी हैं।
शाम ढलते ही पार्क में अंधेरा होने से महिलाओं को परेशानी का सामना करना पड़ता है। लायन्स क्लब की ओर से सत्तर के दशक में झूले लगाए गए थे। अब टूटी हुई फिसल पट्टी बच्चों के लिए खतरा बन चुकी है। वरिष्ठ नागरिक उद्यान विकास समिति के बुजुर्ग सदस्यों का कहना है कि सबसे पहले यहां सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता हो। तभी शहरवासियों और पर्यटकों का रुझान बढ़ेगा।
योजना ऐसी हो जिससे मिले शुद्ध हवा
गत पांच-सात साल में उद्यान की जैसी दुर्गति हुई वैसी पहले कभी नहीं हुई। बीमार और वृद्धजनों को उद्यान में आने से भी डर लगने लगा है। कोर्ट के आदेशों का सख्ती से पालन ही एकमात्र उपाय है।
डॉ. देवीलाल पंवार, अध्यक्ष वरिष्ठ नागरिक उद्यान विकास समिति जोधपुर
विशाल पेड़ों की बलि
उद्यान में विशाल पेड़ों का सफाया कर नर्सरी का विकास समझ से परे है। पेड़ कटने की कीमत पर यदि विकास कार्य होता है तो ऐसा विकास हमें नहीं चाहिए।
आसुलाल भाटी -उद्यान में नियमित आने वाले बुजुर्ग
हेरिटेज खंबों को हटाना गलत
उद्यान के हेरिटेज बिजली के पोल हटाकर नए खंबे लगाए जा रहे हैं। फव्वारों के हौज खाली पड़े हैं। यह पब्लिक पार्क है इसीलिए जनभावनाओं के अनुरूप विकास होना चाहिए।
ओम सोलंकी
बने ज्ञान वद्र्धक गैलेरी
उद्यान में बच्चों के लिए इतिहास से जुड़ी ज्ञानवद्र्धक गैलरी, मनोरंजन के लिए आकर्षक झूले और नियमित भ्रमण पर आने वालों के लिए मासिक पास और पर्यटकों के लिए प्रवेश शुल्क लगाया जाए।
वैद्यराज जयंती लाल त्रिपाठी
Source: Jodhpur