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रतन दवे
बाड़मेर. कबूूतर…, शायद राजस्थान का इकलौता पक्षी है जिसकी लिविंग स्टाइल का ख्याल पब्लिक सर्वाधिक रखती है। हर समय में इसकी लाइफ स्टाइल बदली है। 2023 में इन दिनों ये हाईटेक फ्लैट में रहने लगे है। 1000 से 2000 कबूतर एक फ्लेट में रहते है । कबूतर-कबूतरी के जोड़ा इसमें रह सकता है। इनके लिए दाना-पानी का प्रबंध ग्राउण्ड फ्लोर में रहताा है। दाना-पानी चुग्गा और कबूतर-कबूतरी अपने फ्लैट में। पहले यह नगरपरिषदों तक था लेकिन अब गांवों में भी पहुंच गया है। यह स्टाइल चैंज किया है गुजरात के कारीगरों ने जो अब पश्चिमी राजस्थान में बदलाव कर आगे बढ़ रहे है।
मौरवी गुजरात से यह कल्चर शुरू हुआ। डेढ़ गुणा डेढ़ फीट का एक फ्लैट और ऐसे 1000 और 2000 फ्लैट को सुंदर आकृति दी गई। लंबाई में कुतुबमिनार जैसा कहा जा सकता है। चारों तरफ से खुले नजर आने वाले इन फ्लैट में कबूतर-कबूतरी का जोड़ा बैठ सकता है।
हौड़ लगी है इन दिनों
खूबसूरत नजर आने वाले इन फ्लैट ने ऐसा मोहजाल फेंका है कि कबूतर फंसे न फंसे लेकिन अपनी गांव-शहर में खूबसूरती दिखाने को लोग फंसने लगे हैै और वे अपने गांव, शहर और धार्मिक स्थलों पर इनका निर्माण करवाने में लगे है।
यह है गणित
चार से पांच लाख में गुजरात के कारीगर इसको बनाते है। गुजराती गिरीशभाई बताते है कि चार साल में दर्जनों कारीगर पूरे मारवाड़ में है। दो महीने में एक महल तैयार होता है। 1000 कबूूतर के लिए 4 से 5 लाख और 2000 कबूतर के लिए 7.5 से 9 लाख रुपए तक लेते है। अभी हजारों ऐसे महल बन गए है।
फ्लैश बैक-यों बदली पब्लिक ने कबूतरों की स्टाइल
1970 से पहले तक
खुला मैदान- गांव में ही एक चौक में कबूतरों को दाना डालते और सुबह-सुबह कबूूतर यहां पहुंचते। धार्मिक प्रवृत्ति के महिला-पुरुष का यह नित्यकर्म रहता।
1970 के बाद
दाना-चुग्गा बढऩे लगा तो गांवों में एक कमरा बनने लगा जिसमें यह दाना स्टोरेज रहता और छत पर कबूतरों के दाना डाल देते, जिसे दिनभर चुगते रहते।
2000 के बाद- महल
तीन मंजिला महल बनने लगे जिन्हें कबूतर महल नाम दिया गया।। आरसीसी की तीन मंजिला इस महल में नीचे एक कमरे में दाना चुग्गा स्टोरेज और ऊपर दो मंजिल में चुग्गा डालने की सुविधा।
2015 के बाद- मॉर्डन लुक झोंपड़ी
2015 के बाद टीनशेड झोंपड़ी का कल्चर आया तो कबूतरों को भी ऐसे ही कल्चर में रहने को मिला। यहां टीनशेड झोंपड़ी दो से तीन मंजिला बनाकर उसमें चुग्गा डाला जाने लगा।
2021-2023… फ्लैट में कबूूतर
अब फ्लैट में कबूतर रहने लगे हैै, जो 1000 कबूतर के लए 45मंजिला है। इसकी लंबाई जमीन से 56 फीट रहती है। एक राऊण्ड में 7 फ्लैट के करीब रखते है।
बाड़मेर-बालोतरा में कबूतर करोड़पति
बाड़मेर में कबूतरों के लिए दान करने की हौड़ ऐसी रही है कि यहां एक तीन मंजिलाा इमारत बनी है हुई जो किराए पर दी गई है। यह इमारत कबूतरों के दान की आय से बनी है। इसका किराया अब कबूतरों के खाते में जमा होता है। यहां कबूतरों की इस संपत्ति का आंकलन करें तो करोड़पति है। ऐसा ही बालोतरा में भी है।

Source: Barmer News

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