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जोधपुर। बीते कई दिन से जोधपुर में बारिश की एक बूंद तक नहीं गिरी है, लेकिन बिना बारिश के ही सड़कों पर पानी बह रहा है। बिना बारिश के यह कारनामा नगर निगम ने कर दिखाया है। नगर निगम की लापरवाही का नतीजा है कि लोगों को गंदे नाले के पानी के बीच से निकलने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। दरअसल जेएनवीयू न्यू कैंपस के अंदर बना नाला इस वक्त पूरी तरह से जाम हो चुका है, जिससे पानी अब सड़कों पर फैल चुका है। यह वही नाला है, जिसकी सेहत को सुधारने के लिए नगर निगम ने 217 पेड़ों की बलि चढ़ाई थी।

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हर बारिश में तालाब बन जाती है जगह

शहर में जब भी बारिश होती है तो जेएनवीयू न्यू कैंपस के अंदर बने नाले की सड़क पर भारी मात्रा में पानी जमा हो जाता है। निकासी नहीं होने से पूरी जगह तालाब की शक्ल अख्यितार कर लेती है। जहां से दो पहिया गाड़ियों का निकलना नामुमकिन हो जाता है। हालांकि अभी बारिश थमी हुई है, फिर भी इस जगह से जाने वाले चालकों को भारी परेशानी उठानी पड़ रही है। दरअसल काफी समय से पानी जमा होने के चलते यहां बनी सड़क पूरी तरह से उधड़ चुकी है। सड़क पर बड़े-बड़े गढ्डे बन चुके हैं। कई बार यहां बाइक चालक गिर भी जाते हैं, लेकिन नगर निगम ने अभी तक इस नाले की कोई सुध नहीं ली है।

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नाला निर्माण के दौरान काटे थे पेड़

बता दें कि मानसून से पहले पानी निकासी के लिए जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय (न्यू कैंपस) से झालामंड होते हुए जोजरी नदी को जोड़ने के लिए एक नाले का निर्माण कार्य शुरू किया गया, जिसकी जिम्मेदारी निगम के पास है। नाला निर्माण के दौरान अवरोध बन रहे 217 पेड़ों को काट दिया गया। हालांकि इन पेड़ों को बचाने के लिए दिल्ली की एक कंपनी को री ट्रांसप्लांट का कार्य सौंपा गया था, लेकिन वह विफल रहा। ऐसे में कहा जा सकता है कि निगम प्रशासन की अनदेखी के चलते ना सिर्फ 217 हरे पेड़ों की बलि दी गई, बल्कि लोगों की परेशानियों का भी समाधान नहीं निकला।

नाला पूरा होगा तब कनेक्टिविटी दे पाएंगे

कोर्ट के आदेश अनुसार नाला पूरा हुए बिना पानी की कनेक्टिविटी नहीं दी जा सकती। इस कारण से नाले में पानी नहीं छोड़ा गया है। जनता की समस्या को देखते हुए कोई वैकल्पिक इंतजाम करेंगे।

सुधीर माथुर, एक्सईएन, नगर निगम, दक्षिण

Source: Jodhpur

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