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Directorate of Secondary Education Rajasthan: दिलीप दवे बाड़मेर. राज्य सरकार ने पिछले शिक्षा सत्र में पांच हजार विद्यालयों को क्रमोन्नत तो कर दिया लेकिन एक साल बाद भी यहां न तो शिक्षक लगाए गए हैं और न ही पदों की स्वीकृति मिली। उच्च माध्यमिक में व्याख्याता नहीं है तो उच्च प्राथमिक में अध्यापकों का टोटा। ऐसे में यह कहा जाए कि विद्यालयों का सिर्फ साइन बोर्ड ही बदला है तो अतिशयोक्ति नहीं होगी। राज्य सरकार लगातार स्कूलों को क्रमोन्नत कर रही है । पिछले शिक्षा सत्र में 5680 विद्यालय क्रमोन्नत हुए हैं। इनमें से सबसे अधिकांश विद्यालय उच्च माध्यमिक बने। राउप्रावि से राउमावि में 1152 व रामावि से राउमावि में 3834 विद्यालय क्रमोन्नत हुए। उच्च माध्यमिक विद्यालयों में विषय विशेषज्ञ के तौर पर व्याख्याताओं की नियुक्ति होती है। एक संकाय में कम से कम तीन व्याख्याता लगने हैं, लेकिन पूरा सत्र बीत गया, व्याख्याता लगाना तो दूर पद ही स्वीकृत नहीं किए हैं।

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बदला तो सिर्फ नाम –सरकार के विद्यालय क्रमोन्नत करने के बाद बदला है तो स्कूल बोर्ड पर नाम। पहले जहां उच्च प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालय लिखा हुआ था वहां अब उच्च माध्यमिक हो गया है।
कैसे आगे बढ़े ग्रामीण प्रतिभाएं- गांव में ही उच्च माध्यमिक विद्यालय होने पर अभिभावक खुश हुए तो
विद्यार्थियों ने भी सोचा अब पढ़ने के लिए दूसरे गांव नहीं जाना होगा। गांव में ही व्याख्याता लग जाएंगे तो पढ़ाई बढि़या होगी। लेकिन एक साल बाद भी व्याख्याता नहीं लगने से पढ़ाई प्रभावित हो रही है। ऐसे में ग्रामीण प्रतिभाएं आगे बढ़े भी तो कैसे?

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नहीं लगे व्याख्याता
– पिछले सत्र में क्रमोन्नत किए गए 5 हजार उच्च माध्यमिक विद्यालयों में अभी तक व्याख्याताओं के पद स्वीकृत नहीं किए गए हैं। पिछले तीन सत्र से वरिष्ठ अध्यापक से व्याख्याता की डीपीसी भी बकाया चल रही है।- बसन्त कुमार जाणी, जिलाध्यक्ष, राजस्थान वरिष्ठ शिक्षक संघ, रेस्टा
पिछले सत्र में क्रमोन्नत स्कूल

स्तर संख्या

राप्रावि से राउप्रावि 694

राउप्रावि से राउमावि 1152
रामावि से राउमावि 3834

कुल क्रमोन्नत स्कूल 5680

Source: Barmer News

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