जोधपुर। पोक्सो कोर्ट के पीठासीन अधिकारी डॉ. सूर्यप्रकाश पारीक ने 3 वर्ष पुराने जोधपुर पुलिस कमिश्नरेट के एक थाने में दर्ज नाबालिग बच्ची के साथ छेड़छाड़ के आरोपी को 3 वर्ष के साधारण कारावास की सजा सुनाई।
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3 मार्च 2019 को एक व्यक्ति ने रिपोर्ट दर्ज कर बताया कि वह परिवार सहित रात को घर पर सो रहा था, दूसरे कमरे में सो रही नाबालिग पुत्री के साथ एक व्यक्ति गलत काम करने के उद्देश्य से उसे पकड़ने की कोशिश कर रहा था, पत्नी ने जाकर देखा तो आरोपी भाग गया। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ यौन अपराधों से बालकों के संरक्षण अधिनियम, आईपीसी तथा एससी-एसटी एक्ट के तहत न्यायालय में आरोप पत्र पेश किया। आरोपी ने मामले को झूठा करार देते हुए बरी करने का निवेदन किया। विशिष्ट लोक अभियोजक शिव प्रकाश भाटी ने 7 गवाहों तथा 14 दस्तावेजी साक्ष्य के आधार पर नाबालिग बालिका के साथ छेड़छाड़ के आरोपी को कठोर दंड देने की मांग की। न्यायालय ने नाबालिग बच्चों के साथ हो रहे अपराधों की गंभीरता को देखते हुए खेड़ापा निवासी आरोपी को सजा सुनाई।
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वहीं दूसरी तरफ राजस्थान राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष संगीता बेनीवाल ने गत दिनों निजी विद्यालय में 7 साल की मासूम छात्रा से बलात्कार के मामले में विद्यालय का निरीक्षण किया। बलात्कार करने के आरोपी चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी का कमरा सील करवाया गया। आयोग अध्यक्ष बेनीवाल दोपहर में निजी स्कूल पहुंची, जहां उन्होंने चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के सात वर्षीय मासूम से बलात्कार करने वाले के संबंध में विद्यालय प्रशासन से जानकारी ली। निरीक्षण के दौरान विद्यालय में कुछ कमियां पाईं गईं, जिन्हें दुरुस्त करने के निर्देश दिए गए। जांच में सामने आया कि आरोपी चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी विद्यालय में ही रहता है। ऐसे में उसका कमरा सील करवा दिया गया। गौरतलब है कि गत दिनों मासूम छात्रा से बलात्कार करने के संबंध में पीड़िता के परिजन ने चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराई थी। जांच के बाद पुलिस ने गत सोमवार को आरोपी को गिरफ्तार किया था। वह न्यायिक अभिरक्षा में है।
Source: Jodhpur