जोधपुर। परिहवन विभाग के हाथों में आने के बाद भी ऑटोमेटेड ड्राइविंग ट्रायल ट्रैक के ढर्रे सुधरते नजर नहीं आ रहे हैं। विभाग ट्रायल के दौरान पूर्व में आ रही तकनीकी खामियों को दुरुस्त किए बिना ही ट्रैक का संचालन कर रहा है। इस वजह से वाहनों का ऑटोमेटेड ट्रायल नहीं हो रहा है। इससे करोड़ों रुपए खर्च कर बनाए गए इस ट्रैक पर ऑटोमेटेड ट्रायल महज एक खानापूर्ति बनकर रह गया है। ट्रैक पर सेंसर काम नहीं कर रहे है, सीसीटीवी कैमरे बंद पड़े हैं, स्लॉट बुकिंग के बाद थम्ब इंप्रेशन में भी तकनीकी खामियां सहित कमियां है, इससे यह ट्रैक अभी भी मानव संचालित ट्रायल ट्रैक ही है। इससे यहां ट्रायल के लिए आने वाले लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
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बिना हैण्ड ओवर-टेकन ओवर ले लिया
परिवहन विभाग की ओर से प्रदेशभर में बनाए गए ऑटोमेटेड ड्राइविंग ट्रायल ट्रैक के संचालन का जिम्मा निजी कम्पनी को दिया गया था। जोधपुर में 10 अक्टूबर 2021 को ट्रैक चालू होने के बाद ट्रैक का संचालन निजी कम्पनी कर रही थी। अब 720 दिन बाद कम्पनी का कांट्रेक्ट पूरा होने के बाद 17 जुलाई विभाग ट्रैक का संचालन कर रहा है। विभाग मुख्यालय की निर्देशानुसार, ट्रैक के संचालन से पूर्व संबंधित निजी कम्पनी से सभी खामियों से रहित ट्रैक का जिम्मा लेने के लिए हैण्ड ओवर-टेकन ओवर प्रक्रिया अपनाकर ट्रैक का संचालन लेना था, जबकि विभाग की ओर से बिना यह प्रक्रिया किए ही 17 जुलाई से ट्रैक का संचालन शुरू कर दिया गया। जबकि इस ट्रैक पर अभी भी कई तकनीकी खामियां है।
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ट्रैक पर कुछ तकनीकी खामियां है, जिनको सुधारा जा रहा है। कम्पनी से बिना हैण्ड ओवर-टेकन ओवर ट्रैक संचालन किया जा रहा है, जो मुख्यालय को अवगत कराया गया है। मुख्यालय के निर्देशानुसार आगे की प्रक्रिया की जाएगी।
रामनारायण बड़गुजर, क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी, जोधपुर
विभाग को ट्रैक का चार्ज अभी मिला है। इस पर अभी भी कुछ तकनीकी खामियां है, विभाग को इन खामियों को जल्द दुरुस्त कराने की मांग की गई है। ताकि लोगों की ट्रायल सही हो सके।
– सैयद ताहिर अली, अध्यक्ष, सूर्यनगरी यातायात सलाहकार समिति
Source: Jodhpur