चौहटन. मजदूर के रूप में यहां दस साल से राजू बनकर रह रहा शख्स फलौदी के भोजासर थाना का निवासी इमामुदीन था जो वहां से एक विवाहिता को दो बच्चों सहित बहला-फु सलाकर लाया था। विवाहिता के पति ने भोजासर थाना में दो फ रवरी 2011 को इमामुदीन पुत्र मूसेखान निवासी मोहर नगर के विरुद्ध उसकी पत्नी कमला व दो बच्चों कैलाश व यशोदा को शादी का झांसा देकर गहने व नकदी के साथ भगाकर ले जाने का मामला दर्ज करवाया था।
यह राज विवाहिता की मौत के बाद सोमवार को खुला जब इमामुदीन के परिवार वालों ने भोजासर में उसके अंतिम संस्कार से इनकार कर दिया।
तब भोजासर पुलिस ने स्थानीय लोगों की मदद से उसका दाह संस्कार करवाया। उधर, इमामुदीन के परिवार वालों ने उसका मृत्यु प्रमाण- पत्र जारी करवा उसे मृत घोषित कर दिया।
इमामुदीन करीब नौ दस साल पहले राजू बनकर चौहटन में आ गया तथा यहां मजदूर बनकर हलवाइयों के साथ काम करने लगा। उसने स्वयं को राजू कुम्हार प्रजापत निवासी पीपराली सांचोर बताया। कुछ समय बाद भगाई गई विवाहिता कमला भी उसकी पत्नी के रूप में लोगों के घरों में मजदूरी करने लगी।
ऐसे खुली पोल
कुछ रोज पहले कमला की तबीयत बिगडऩे पर वह उसे बाड़मेर और जोधपुर अस्पताल ले गया लेकिन इलाज के दौरान कमला की मौत हो गई। उसकी देह को जलाने या दफ नाने का संकट खड़ा होने पर वह उसे भोजासर ले गया। उसके परिजन द्वारा स्वीकार नहीं करने पर वह भोजासर पुलिस के पास पहुंचा। पुलिस व सामाजिक संगठनों ने सोमवार को उसका अंतिम संस्कार करवा दिया।
भोजासर में शव पहुंचने की खबर लगने पर कमला का पति चतराराम थाने पहुंच गया। उसने मामला दर्ज करवाया कि दस साल पहले इमाम पुत्र मूसेखान उसकी पत्नी कमला को दो बच्चों व गहने व नकदी सहित भगाकर ले गया था। इमाम उसके साथ शारीरिक प्रताडऩा व देह शोषण करता था। अंदेशा है कि इमाम ने कमला की हत्या कर दी और शव ठिकाने लगाने यहां आया है। भोजासर पुलिस ने मामला दर्ज कर अनुसंधान शुरू किया है।
बना दिया मृत्यु प्रमाण पत्र
जानकारी के मुताबिक इमामुदीन के गांव से भागने के बाद उसके परिजन ने उसका मृत्यु प्रमाण पत्र बनाकर उसे मृत घोषित करवा दिया। जब वह शव लेकर वहां पहुंचा तो सभी आश्चर्यचकित रह गए।
सुरक्षा एजेंसियों को चुनौती
यह प्रतिबंधित क्षेत्र होने के बावजूद यहां बाहरी लोगों के निवास को लेकर शिकायतें मिलती रही हैं लेकिन इसको लेकर पुलिस व सुरक्षा एजेंसियां गंभीर नहीं हुई।
राजू बनकर चौहटन में दस साल का वक्त गुजारने वाले इमामुदीन ने एक बार फिर सुरक्षा एजेंसियों की कार्य प्रणाली को चुनौती दी है।
Source: Barmer News