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बाड़मेर। जिले में मलेरिया की रफ्तार थम नहीं रही है, इस बीच अब डेंगू ने भी फन उठा लिया है। काफी दिनों से नए केस नहीं आ रहे थे, लेकिन पिछले चार दिनों में ही शुक्रवार तक कुल 12 नए पॉजिटिव मिले है। लगातार डेंगू के केस सामने आने से विभाग की चिंता बढ़ी है। मौसमी बीमारियों ने थार को पूरी तरह से जकड़ लिया है। अस्पतालों में सबसे अधिक मरीज बुखार, टाइफाइड, वायरल और आईफ्लू के आ रहे है। करीब 70 फीसदी ओपीडी ऐसे ही मरीजों की है। परिवार में एक व्यक्ति के बीमार होने पर अन्य भी चपेट में आ रहे है। सरकारी के साथ निजी अस्पतालों में भी मौसमी बीमारियों के मरीजों की भरमार है।

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खांसी और गले की खराश के मरीजों में बढ़ोतरी
डेंगू और मलेरिया के साथ मौसमी बीमारियों में खांसी और गले की खराश और दर्द से पीड़ित रोगियों की ओपीडी में संख्या बढ़ रही है। इसमें बड़े और बच्चों के साथ युवा भी शामिल है। चिकित्साकर्मी भी बीमारियों की चपेट में आ रहे है। जिले में मलेरिया मरीजों का आंकड़ा 18 अगस्त को 592 पर पहुंच गया। पिछले 14 अगस्त की रिपोर्ट में पीड़ितों की कुल संख्या 556 थी। चार दिनों में 36 नए केस मिले है। मलेरिया के हालात विस्फोटक है। काबू पाने के प्रयास नाकाफी साबित हो रहे है। अब डेंगू बढऩे लगा है, इससे हालात बेकाबू होने की पूरी आशंका है।

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डेंगू : 4 दिनों में मिले 12 केस
बाड़मेर जिले में डेंगू फन फैला रहा है। गत चार दिनों में 12 नए केस मिले है। जिले में 14 अगस्त को कुल 41 केस थे, जो 18 अगस्त को बढकऱ 53 हो गए। डेंगू के ये केस विभाग की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार है। इसके अलावा जो कार्ड टेस्ट में पॉजिटिव आ रहे है उनकी संख्या सैकड़ों में है। विभाग एलाइजा टेस्ट को ही मानता है, कार्ड टेस्ट में पॉजिटिव आने पर भी डेंगू में नहीं गिना जाता है।

पिछले साल डेंगू से बिगड़े थे हालात
बाड़मेर जिले में पिछली सीजन में डेंगू काफी फैला था। हालात काबू करने में चिकित्सा विभाग के पसीने छूट गए थे। पूरे सीजन में 1000 से अधिक लोग डेंगू की चपेट में आए थे। डेंगू मरीजों की उपचार में सबसे बड़ी समस्या का समाधान भी बाड़मेर जिला अस्पताल में नहीं है, मरीजों को प्लेटलेट की कमी होने पर रैफर किया जा रहा है। पिछले साल डेंगू के कारण प्लेटलेट कम होने से दो मरीजों की मौत के मामले भी सामने आए थे। लेकिन विभाग ने ऐसे किसी मामलों की पुष्टि नहीं की थी। जबकि पीड़ित परिवार ने डेंगू पॉजिटिव केस बताया था।

Source: Barmer News

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