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बाड़मेर. पाकिस्तान में टिड्डियों के दल तारबंदी के पार बैठे हैं। हवाओं के साथ कब कौनसा दल उड़कर भारत की ओर आकर तबाही मचा दे कहा नहीं जा सकता है। बाड़मेर के धोरीमन्ना इलाके में तबाही मचाकर टिड्डी दल अब जालोर की सीमा में प्रवेश कर गया है, जहां हाडेचा के आसपास टिड्डियां होने की जानकारी है।

बाड़मेर के गिराब इलाके में सिंचित क्षेत्र में टिड्डियां पहुंचने से किसानों की नींद उड़ी हुई है तो जैसलमेर के रामगढ़ से सटे क्षेत्र में टिड्डियां वनस्पति को चट कर रही हैं।

दिसंबर और जनवरी की सर्दी के बावजूद हवाओं का वेग भारत की ओर रहा तो महकमे के लिए इनको नियंत्रित करने में पसीने छूटने तय हैं।

बाड़मेर-जैसलमेर में पिछले आठ महीनों में टिड्डी आने का क्रम थमा नहीं है। लगातार बड़े-बड़े कई किमी में टिड्डी के दल हमला कर रहे हैं। इससे फसलों को भारी नुकसान हो चुका है। अब बाड़मेर में जीरे की फसल को टिड्डी ने चट कर दिया है। इससे किसानों की रातों की नींद उड़ गई है।

खेत को छोड़ दिया किसानों के भरोसे

टिड्डी नियंत्रण संगठन की ओर से नो-मैन्स लैंड में ही मेलाथियन केमिकल का स्प्रे किया जा रहा है। रसायन का खेतों में छिड़काव नहीं किया जा सकता है। इसलिए खेतों से किसानों को टिड्डी भगाने में भारी दिक्कत हो रही है। सामान्य कीटनाशी से टिड्डी नियंत्रित नहीं हो रही है।

गाडिय़ों में लगाए प्रेशर हॉर्न

परम्परागत तरीके से टिड्डी शोर होने से उड़ जाती है। लेकिन भारी मात्रा में खेतों में जमा टिड्डी को निकालना मुश्किल हो गया। कनस्तर और थाली बजाकर भगाने के प्रयास नाकाफी होने के बाद अब किसान गाडि़यों में प्रेशर हॉर्न लगा उनको खेतों में दौड़ा रहे हैं

यहां सबसे ज्यादा प्रभाव

बाड़मेर का सीमावर्ती क्षेत्र लगभग पूरा ही प्रभावित है। विभाग नियंत्रण के प्रयास मई माह से कर रहा है। लेकिन टिड्डी लगातार आने से अब विभाग के कार्मिकों के पसीने छूट रहे हैं। बाड़मेर में मंगलवार को गिराब, धोरीमन्ना व जैसलमेर के रामगढ़ के क्षेत्र में टिड्डी का हमला जारी रहा।

मुख्यमंत्री ने ली बैठक, केन्द्र से मांगी मदद

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पश्चिमी राजस्थान के विभिन्न जिलों में टिड्डी नियंत्रण के लिए किए जा रहे उपायों की समीक्षा जयपुर में मंगलवार को बैठक बुलाकर कृषि मंत्री लालचंद कटारिया के साथ की। इसमें कृषि विभाग के प्रमुख सचिव नरेशपाल गंगवार सहित अधिकारियों ने जानकारी दी कि जैसलमेर, बाड़मेर, जालोर, जोधपुर, बीकानेर, चूरू, श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़ एवं नागौर जिले में टिड्डी का प्रकोप हुआ है और अभी बाड़मेर-जैसलमेर में ज्यादा है।

बैठक में केन्द्र सरकार से प्रभावी नियंत्रण के लिए राज्य को अतिरिक्त तकनीकी विशेषज्ञता, सहयोग और संसाधन उपलब्ध करवाने की मांग की गई।

यह बताए आंकड़े

-3 लाख 10 हजार हैक्टेयर में किया नियंत्रण
-2 लाख 21 हजार लीटर मेलाथियान रसायन का छिड़काव

-3 करोड़ 7 लाख देकर राज्य सरकार ने की है बचाव में मदद

मुख्यमंत्री ने लिख दिया-केन्द्र अन्य कार्याें में व्यस्त

टिड्डी नियंत्रण के लिए हवाई स्प्रे और नियंत्रण के लिए राज्य के मुख्यमंत्री केन्द्र सरकार को लिख चुके हंै लेकिन वहां कोई सुनवाई नहीं है। अन्य कार्याें में व्यस्त हैं। टिड्डी नियंत्रण का कार्य केन्द्र के अधीन है। पाकिस्तान से टिड्डी किस तरफ बढ़ रही है यह जानकारी ही नहीं है।

राज्य का दायित्व सूचना देना है जो बार-बार दी जा चुकी है। किसानों को फसल खराबे के मुआवजे और अन्य मदद के लिए पूरी पैरवी कर रहे हंै।

– हरीश चौधरी, राजस्व मंत्री

Source: Barmer News

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