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जोधपुर। लोक देवता बाबा रामदेव मेले के लिए जातरुओं के जोधपुर पहुंचने का सिलसिला बढ़ता जा रहा है। जैसलमेर जिले के रामदेवरा और जोधपुर के मसूरिया बाबा रामदेव मंदिर में 17 सितंबर से शुरू होने वाले मेले से पूर्व ही आस्था का सैलाब उमड़ने लगा है। गुजरात, मध्यप्रदेश सहित राजस्थान के विभिन्न जिलों से जातरु पहुंचने लगे हैं। मोटरसाइकिलों पर क्षमता से अधिक व बगैर सुरक्षा इंतजाम के जातरू जोधपुर के मसूरिया मंदिर में शीश नवाने के बाद रामदेवरा प्रस्थान कर रहे हैं। सड़क हादसों को रोकने के लिए ना तो पैदल पाथ बना है और ना ही सड़कों की मरम्मत हुई है। सुरक्षा के लिहाज से भी किसी भी तरह के प्रशासनिक इंतजाम अभी तक शुरू ही नहीं हुए हैं। ऐसे में परिजनों के साथ बच्चों को साथ लेकर चल रहे जातरुओं की सुरक्षा भी बाबा के भरोसे है।

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मुख्य मेला से पहले दुरुस्त करवाए मार्ग
बाबा के जातरुओं की संख्या बढ़ती जा रही है। मसूरिया में बाबा रामदेव मंदिर का प्रबंधन करने वाले पीपा क्षत्रिय समस्त न्याति ट्रस्ट के अध्यक्ष नरेन्द्र चौहान ने बताया कि जातरुओं के पहुंचने का क्रम लगातार बना हुआ है। रोजाना औसतन तीन से चार हजार जातरू बाबा के द्वार पहुंच रहे हैं। वहीं, रामदेवरा पैदल मार्ग का अवलोकन कर आए हिन्दू सेवा मण्डल के विष्णुचंद्र प्रजापत ने बताया कि मार्ग में पैदल पाथ का पता नहीं है और सड़कें भी उधड़ी हुई है। प्रशासन को इसकी रिपोर्ट पेश कर मुख्य मेला शुरू होने से पहले यह मार्ग दुरुस्त करवाने की मांग करेंगे।

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पैदल पाथ बदहाल स्थिति में
गत सरकार ने डामर सड़क के पास पैदल यात्रियों के लिए गौरव पथ बनाया था। वर्तमान समय में बड़ी-बड़ी बबूल की झाड़ियों ने पथ को दोनों तरफ से घेरकर रखा है। इस कारण पैदल चल भी नहीं सकते हैं। शासन व प्रशासन की ओर से अभी तक कोई कार्य नहीं किया गया है। वहीं बारिश के बाद धंसी सड़कें व खड्डों के बीच पैदल और दुपहिया वाहन पर आने वाले जातरुओं के लिए परेशानी का सबब बन सकते हैं।

पूरा मार्ग ही बदहाल
– रामदेवरा पैदल यात्रियों के लिए सूरसागर से रामदेवरा तक ट्रैक बनाने की घोषणा के बाद ख़ानापूर्ति के रूप में रोड के एक तरफ़ ट्रैक बनाया था। रोड के एक तरफ़ ज़मीन साफ करके सीमेण्टेड बाउंड्री लगाकर बीच में मिट्टी डालकर छोड़ दिया। यह ट्रैक एक बार भी रामदेवरा जातारुओं के काम नहीं आया। कुछ समय बाद ही यह ट्रैक टूट बिखर गया। बाउंड्री ग़ायब हो गई तथा ट्रैक के बीच कंटीली झाड़ियां उग गई।

– तिंवरी से चेराई तक कुछेक जगहों पर ट्रैक के निशान नजर आ रहे हैं। घोषणा के समय प्रचार-प्रसार के दौरान बताया गया था कि जातरुओं को सड़क दुर्घटनाओं से बचाने तथा रामदेवरा तक सुगम यात्रा के लिए ट्रैक बनाया जाएगा। ऐसा कहा गया कि ट्रैक बनाने के बाद पैदल जातरू आसानी से बाबा के धोक लगाने के लिए चल पाएंगे, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। ट्रैक बनाने के नाम पर ख़ानापूर्ति की गई।

– चामू से गुजरने वाला जोधपुर-रामदेवरा पैदल यात्री पथ का संबंधित विभाग व प्रशासन की अनदेखी से पूरी तरह खात्मा हो चुका है। चामू से ठाडिया तक पैदल पथ की ईंटे तक ग्रामीण उखाड़ कर ट्रैक्टर ट्रॉली में भर कर ले जा चुके है। पैदल पथ पर वर्तमान में जगह-जगह कंटीली झाड़ियां व बबूल के पेड़ उगे हुए हैं। समूचा सड़क मार्ग भी पूर्णतया क्षतिग्रस्त होकर गड्ढों में तब्दील हो गया। जिसके चलते रामदेवरा यात्रियों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

इनका कहना है
रामदेवरा जाने वाले सूरसागर से आगे पैदल मार्ग ठीक करवाया था। कलक्टर को निर्देश देकर शेष मार्ग को भी दुरुस्त करवाया जाएगा।
-रमेश बोराणा, उपाध्यक्ष, राज्य मेला प्राधिकरण

Source: Jodhpur

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