संदीप पुरोहित, जोधपुर। मसालों की रानी सौंफ के लिए राज्य सरकार ने 2022 के बजट में जोधपुर के बिलाड़ा में सौंफ मंडी खोलने का एलान किया था। घोषणा कागजों में दब कर रह गई। क्रियान्वयन के अभी तक कोई ठोस प्रयास नहीं हुए हैं । न तो मंडी के लिए कोई जमीन अधिगृहीत की है और न ही कोई बजट आवंटन किया गया। बिलाड़ा में 18 महीने पहले प्रदेश की पहली सौंफ मंडी की घोषणा सुनकर एक दूसरे को मुंह मीठा करवाने वाले व्यापारी अब खुद को ठगा-ठगा सा महसूस कर रहे हैैं। प्रदेश में बिलाड़ा के अलावा माउंट आबू, नागौर में उत्कृष्ट सौंफ का उत्पादन होता है, पर सौंफ का व्यापार मुख्यत: बिलाड़ा कृ़षि मंडी से हो रहा है इसलिए व्यापारियों की मांग पर अशोक गहलोत सरकार ने 2022 में सौंफ मंडी खोलने की घोषणा की पर जमीन पर नहीं उतरी। व्यापारियों का कहना है कि अगर यहां सौंफ मंडी शुरू होती है तो बिक्री से स्थानीय अर्थव्यवस्था को बूम मिलेगा। किसानों की आर्थिक स्थिति सुधरेगी।
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प्रसंस्करण उद्योग लगे तो बढ़ेगा मुनाफा
राज्य सरकार गुजरात की तर्ज पर मंडी के साथ ही अगर प्रसंस्करण उद्योग भी विकसित करने के लिए प्रोहत्साहन दे तो स्थानीय स्तर पर रोजगार की समस्या भी कम होगी। इससे लगभग तीस प्रतिशत का मुनाफा स्थानीय लोगों के खाते में ही जाएगा। सरकार के राजस्व में भी बढ़ोतरी होगी। पर सरकार के आला अधिकारियों की इसमें कोई दिलचस्पी नजर नहीं आ रही है।
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70 प्रतिशत निर्यात होता है सौंफ का
40 हजार बीघा में होता है उत्पादन
20 हजार क्विंटल सौंफ का उत्पादन होता है बिलाड़ा क्षेत्र में
15 से 25 हजार रुपए प्रति क्विंटल है भाव
70 प्रतिशत सौंफ चीन, तुर्की सहित अन्य देशों में होती है निर्यात
10 हजार से अधिक लोग प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष तौर पर सौंफ खेती से जुड़े
छोटी व बड़ी सौंफ दोनों की मांग
आमतौर पर सौंफ छोटी और बड़ी दो प्रकार की होती है और दोनों ही खूशबूदार होती है। बेहतर क्वालिटी की तलाश लिए देश के कोने-कोने से व्यापारी बिलाड़ा आते हैं।
एंटीऑक्सीडेंट का काम करती है
सौंफ का उपयोग अचार और सब्जियों को टेस्टी और खूशबूदार बनाने के अलावा औषधि के रूप में भी बहुत अधिक होता है। आयुर्वेद के अनुसार सौंफ त्रिदोष नाशक होने के साथ ही बुद्धिवर्धक और रुचिवर्धक भी है। यह एंटी-ऑक्सीडेंट्स से भरपूर है। शरीर से हानिकारक तत्वों को बाहर निकालने में मदद करती है। यह मोटापा कम करने में भी सहायक है। लू से बचाने में सौंफ के पानी का सेवन फायदेमंद माना गया है।
इनका कहना है
सरकार प्रदेश की पहली सौंफ मंडी की घोषणा करके भूल गई। अगर मंडी बनती है तो सरकार को भी राजस्व का फायदा होगा।
– तरूण मुलेवा, अध्यक्ष, बिलाड़ा कृषि मंडी व्यापार संघ
सरकार ने कोरी घोषणा की है। जमीनी स्तर पर कुछ नहीं है।
-महेंद्र सिंह राठौड़, पूर्व अध्यक्ष, बिलाड़ा कृषि मंडी व्यापार संघ
Source: Jodhpur