जिला अस्पताल बाड़मेर में लगी सीटी स्कैन जांच मशीन पिछले करीब 30 दिनों से बंद है। इसके कारण मरीजों के लिए भारी परेशानी हो गई है। हादसे में घायलों के सीटी स्कैन में सबसे ज्यादा दिक्कत आ रही है। मरीज को अस्पताल से सीटी स्कैन सेंटर तक लेकर जाना और फिर लाना परिजनों को भारी पड़ रहा है।
अस्पताल में सीटी स्कैन मशीन में काफी समय से खराबी चल रही थी। इस बीच गत 26 अगस्त को अस्पताल अधीक्षक ने जानकारी दी कि मशीन में खराब आने के कारण कुछ दिनों तक बंद रहेगी। गंभीर मरीजों की सीटी स्कैन निजी सेंटर से अस्पताल प्रबंधन की ओर से करवाई जाएगी। कुछ दिनों तक बंद रहने की बात को एक महीना बीत चुका है। लेकिन अब तक मशीन ठीक नहीं हुई है।
रोजाना 12-15 मरीजों की सीटी जांच
जिला अस्पताल में रोजाना करीब 12-15 गंभीर मरीजों की सीटी जांच करवाई जाती है। परिसर में पीपीपी मोड पर संचालित सेंटर बंद होने के कारण मरीजों को निजी में जाना पड़ रहा है। हालांकि मरीज की जांच अस्पताल प्रबंधन करवा रहा है। लेकिन सेंटर तक आने-जाने की परेशानी बीमार का दर्द और बढ़ा रही है।
हादसे के मरीजों को जान का खतरा
दुर्घटना में आने वाले घायल मरीजों के लिए सीटी जांच तुरंत नहीं होने पर कई बार जान का खतरा बन जाता है। शनिवार को दो अलग-अलग हादसों में घायल करीब 30-35 मरीज अस्पताल पहुंचे थे। सिर में चोट के कारण 20 गंभीर घायलों की सीटी बाहर के निजी सेंटर से करवाई गई। इसके चलते घायलों के परिजन भी काफी परेशान दिखे।
सीटी सेंटर को 70 लाख का भुगतान
सीटी जांच सेंटर में उपकरणों को खराब हुए एक महीना बीत चुका है। बदलने वाले उपकरणों की कीमत करीब 35 लाख रुपए बताई जा रही है। पता चला है कि इस बीच सेंटर संचालक के पाटर्नर फर्म्स के बीच भी कुछ विवाद चल रहा था, इसके चलते मशीन को दुरुस्त करने का मामला अटक गया। इस बीच जिला जिला अस्पताल प्रबंधन ने सेंटर के बकाया चल रहे करीब 70 लाख रुपए का भुगतान कर दिया है। यह राशि अप्रेल से अगस्त तक की थी। अब अस्पताल प्रबंधन को उम्मीद जगी है कि जल्द की मशीन को रिपेयर करके चालू कर दिया जाएगा।
संचालक ने कहा है जल्द करवाएंगे दुरुस्त
सेंटर संचालक को बकाया करीब 70 लाख का भुगतान किया गया है। इसके बाद संचालक ने आश्वासन दिया है कि बैंग्लूरु से मशीन के उपकरण मंगवाने की व्यवस्था की जा रही है। गुुरुवार तक सीटी स्कैन को दुरुस्त करके पुन: शुरू कर करवाने की बात कही है। उम्मीद है तीन-चार दिनों में मशीन ठीक हो जाएगी।
-डॉ. बीएल मंसूरिया, अधीक्षक राजकीय जिला अस्पताल बाड़मेर
Source: Barmer News