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बाड़मेर. विश्व मानसिक स्वास्थ्य सप्ताह के समापन अवसर पर मानसिक रोग विभाग में मानसिक स्वास्थ्य सार्वभौमिक मानव अधिकार कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

इस अवसर पर राजकीय अस्पताल अधीक्षक डॉ. बीएल मंसूरिया ने कहा कि स्ट्रेस या तनाव एक प्रकार का मानसिक स्वास्थ्य विकार है। जिसका जोखिम तेजी से बढ़ रहा है। मानसिक स्वास्थ्य के मामले अब बढ़ते नजर आ रहे हैं। मानसिक रूप से बीमार व्यक्ति अंदर से इतना परेशान और असहज महसूस करता है कि मानसिक बीमारी बढकऱ शारीरिक बीमारी में भी तब्दील हो जाती है। मेंटल हेल्थ को ठीक रखना बेहद आवश्यक है। मानसिक स्वास्थ्य की सही देखभाल व्यक्ति को खुश और समृद्ध जीवन जीने में मदद करती है। इस दिन को मनाने का उद्देश्य लोगों को मानसिक स्वास्थ्य के महत्व पर जागरूक करना और मानसिक बीमारियों के बारे में जानकारी प्रदान करना है।
पैंफलेट्स वितरण किए
विभाग के सह आचार्य डॉ. राजेंद्र कुमार व सहायक आचार्य डॉ. गिरीशचंद्र बानिया ने कहा कि आत्महत्या एक अभिशाप है। सर्वे में पाया गया कि 95 फीसदी मानसिक रूप से बीमार व्यक्ति आत्महत्या कर लेता है। जिसमें 80 फीसदी अवसाद या डिप्रेशन की बीमारी व अन्य लोगों में शराब व्यसन, स्किजोफ्रेनिया बीमारी होती है। सहायक आचार्य डॉ. भानु प्रताप सिंह ने बताया कि चिकित्सालय के मानसिक विभाग में विश्व मानसिक स्वास्थ्य सप्ताह के तहत 1500 से अधिक मरीजों सहित परिजनों को पैंफलेट्स वितरण किए गए। वहीं ओपीडी के दौरान आए मरीजों को मानसिक स्वास्थ्य के बारे में जानकारी देते हुए जागरूक किया गया।

Source: Barmer News

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