बाड़मेर. लम्बी दूरी की एक्सप्रेस रेलगाडि़यों की लेटलतीफी यात्रियों के लिए परेशानी का सबब बन रही है। नियत समय से करीब एक से डेढ़ घंटे तक देरी से गंतव्य तक पहुंचा रही है। बाड़मेर से जोधपुर तक पहुंचते रेल इतनी देर कर देती है तो आगे तक यात्री बेहाल हो जाते है।
बाड़मेर-ऋषिकेष के बीच चलने वाली ट्रेन यहां से तो समय पर रवाना हो रही है। लेकिन जोधपुर पहुंचते-पहुंचते एक घंटे की देरी कर देती है। इसके चलते यात्री काफी परेशान होते है। समय पर रेल नहीं पहुंचने से कईयों के काम अटक जाते है तो कई यात्रियों को आगे के यात्रा की ट्रेन और बस छूट जाती है।
इलेक्ट्रिक युग की ओर बढ़ रही ट्रेनों की रफ्तार धीमी
रेल सेवा अब इलेक्ट्रिक की तरफ बढ़ रही है, जहां पर रफ्तार को बढ़ाना और समय पर यात्रियों को पहुंचाने का लक्ष्य है, उसमें पिछड़ रही है। पिछले दिनों ट्रेनों के संचालन समय में परिवर्तन के दौरान रेलगाडिय़ों की गति बढ़ाने की बात कही गई थी। लेकिन ट्रेनें तो लगातार लेटलतीफी का शिकार हो रही है।
बाड़मेर से जोधपुर तक लग रहे 4 घंटे
बाड़मेर-ऋषिकेश एक्सप्रेस रेल यहां से सुबह 8.30 बजे रवाना होती है। जोधपुर पहुंचने का समय 11.30 बजे का निर्धारित है। लेकिन यह ट्रेन आए दिन 12 बजे और उसके बाद ही जोधपुर पहुंच रही है। वहीं ट्रेन के लौटने के दौरान भी कुछ इसी तरह की स्थिति है।
यात्रियों की पीड़ा
जोधपुर से बाड़मेर आ रहे एक यात्री अनुभव कुमार ने अपनी व्यथा बताते हुए कहा कि 4 अक्टूबर को जोधपुर से बाड़मेर आ रहा था। ऋषिकेश-बाड़मेर एक्सप्रेस ट्रेन को ऑनलाइन ऐप में चैक किया तो रेल जोधपुर स्टेशन पर निर्धारित समय 3.15 बजे पहुंच रही थी। इस दौरान ट्रेन की लोकेशन राईकाबाग दिखाई दे रही थी। इस बीच बार-बार ट्रेन के जोधपुर स्टेशन पर आगमन की सूचना बदलती जा रही थी। राईकाबाग से जोधपुर जंक्शन तक पहुंचने में ट्रेन को करीब 25 मिनट तक लग गए। इसके बाद ट्रेन जोधपुर से करीब 4 बजे रवाना हुई। बाड़मेर आते-आते रात के 8 बजे गए। उन्हें आगे ग्रामीण इलाके में जाना था। लेकिन बस निकल चुकी थी। इसी तरह एक अन्य यात्री रामकुमार इसी ट्रेन से सात अक्टूबर को नागौर जा रहे थे। बाड़मेर से तो समय पर ट्रेन रवाना हो गई और नागौर पहुंचते का वक्त दोपहर 1.50 की बजाय 3 बजे पहुंची। तब तक आगे जाने का साधन छूट गया।
Source: Barmer News