ओसियां। किसी ने शौक मौज के लिए तो किसी ने सुरक्षा करणों से हथियार लाइसेंस प्राप्त किए। कई फ़सल सुरक्षा के लिए लाइसेंसी हथियार रख रहे हैं। अब इन लाइसेंसी हथियार धारकों को अब विधानसभा चुनाव होने तक अपने हथियार पुलिस थाने में जमा कराने होंगे। चुनाव पूर्ण होने के बाद ये हथियार थानों से वापस ले सकते हैं। हैड कांस्टेबल चुतरसिंह राजपुरोहित ने बताया कि अकेले ओसियां थाना क्षेत्र में 350 लाइसेंसी हथियार धारक हैं। जिसमें 8 पिस्तौल हैं तथा 49 के पास बारह बोर गन लाइसेंस धारी हैं।
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वहीं 293 टोपीदार बंदूक़ के लाइसेंसधारी हैं। इनमें ज़्यादा वित्तीय लेन देन करने वाले, पैट्रोल पम्प संचालक, निशानेबाज़ी के खिलाड़ी, फ़सल सुरक्षा, बैंक गार्ड या किसी बड़ी कंपनी में काम करने वाले सुरक्षाकर्मी शामिल हैं। हैड कांस्टेबल राजपुरोहित ने बताया कि चुनाव में पैट्रोल पम्प, बैंक सुरक्षा व ज़्यादा वित्तीय लेनदेन करने वाले लाइसेंस धारियों के अलावा सभी हथियार लाइसेंसधारकों को हथियार चुनाव सम्पन्न होने तक थाने में जमा करवाने होंगे। थानाधिकारी राजूराम काला के अनुसार चुनावों में लाइसेंसी हथियार धारक हथियार का उपयोग नहीं करे तथा किसी को नुक़सान न पहुंचाए, इसके लिए हथियार थानों में जमा किए जा रहे हैं।
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हथियार लाइसेंस प्राप्त करने का नियम
1959 का शस्त्र अधिनियम भारत के नागरिकों को गैर-निषिद्ध बोर (एनपीबी) बंदूकें प्राप्त करने की अनुमति देता है।
आत्मरक्षा – ऐसे व्यक्ति जिन पर अमीर होने, खतरे में होने आदि कारणों से हमला होने का खतरा हो सकता है।
सामान्य सुरक्षा – जिसमें बैंकों, संस्थानों आदि के लिए सुरक्षा का प्रावधान शामिल है। इसमें वीवीआईपी और राजनेताओं के बंदूकधारियों और सुरक्षा दस्ते को भी शामिल किया जा सकता है।
फसल सुरक्षा – जिनके पास कृषि या समान भूमि है, जिन्हें गैर-अनुसूचित कीटों और कीड़ों, जैसे सूअर आदि से सुरक्षा की आवश्यकता है।
खेल निशानेबाजी – खेल निशानेबाजी अनुशासन के अंतर्गत वे लोग जिन्हें खेल प्रयोजनों के लिए बंदूकों की आवश्यकता होती है।
लौटने वाले एनआरआई – कोई भी भारतीय जो भारत लौट रहा है और उसके पास अपने विदेशी निवास में 2 साल से अधिक समय से बंदूक है, वह भारतीय लाइसेंस के लिए आवेदन कर सकता है और विदेश में अपनी बंदूक वापस ला सकता है।
विदेशी राष्ट्रीय स्थिति – किसी भी विदेशी नागरिक को वैध कारण बताते हुए, राजस्थान में रहने के दौरान अधिकतम 6 महीने तक हथियार रखने और रखने की अनुमति है।
Source: Jodhpur